Menstrual Hygiene Day 2022: ऐवरटीन (Everteen) के वार्षिक मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे-2022 ( Menstrual Hygiene Survey-2022) के अनुसार भारतीय महिलाओं के लिए नींद में खलल, मासिक धर्म में ऐंठन और गंदे सार्वजनिक शौचालय ये तीनों मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता की सबसे बड़ी चिंताएं हैं. इस सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि माहवारी शुरु होने की उम्र और पीरियड्स की अवधि में भी काफी परिवर्तन हो रहे हैं. भारत के जानेमाने नारी हाइजीन ब्रांड ऐेवरटीन ने अपने सालाना मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे 2022 में सामने आए तथ्यों को जारी किया है. यह सर्वे 28 मई को मनाए जाने वाले वैश्विक मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (World Menstrual Hygiene Day 2022) से पहले हर साल किया जाता है. जानें इस सर्वे की प्रमुख बातें.
सर्वे में आधे से ज्यादा महिलाओं (53.2 प्रतिशत) ने बताया कि अपने पीरियड्स के पहले दो दिनों में वे ठीक से सो नहीं पाती हैं. 67.5 प्रतिशत महिलाओं को अब भी रात में नींद के दौरान दाग पड़ने की चिंता रहती है. 57.3 प्रतिशत महिलाओं ने माहवारी में मध्यम से लेकर तीव्र ऐंठन तक का अनुभव किया है, जबकि 37.2 प्रतिशत को पीरियड्स में हल्का या कभी-कभी दर्द होता है. 62.2 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उन्होंने किसी सार्वजनिक स्थल जैसे दफ्तर, मॉल या सिनेमा हॉल के टॉयलेट में सैनिटरी पैड कभी नहीं या शायद ही कभी बदला है. 74.6 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि अगर कभी पब्लिक टॉयलेट में उन्हें सैनिटरी पैड बदलना पड़े तो वे बहुत असहज अनुभव करती हैं. 88.3 प्रतिशत महिलाओं का मानना है की गंदे टॉयलेट यूटीआई का स्त्रोत हो सकते हैं.
7वें वार्षिक ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, पटना, अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत, भोपाल, इंदौर, गुवाहाटी, जयपुर, अमृतसर, लुधियाना व कोलकाता समेत देश के 35 से अधिक शहरों की लगभग 6000 महिलाओं से हिस्सा लिया जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है.
इस सर्वे से कुछ विचलित करने और चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं जो माहवारी शुरु होने की उम्र और पीरियड्स की अवधि के बारे में हैं. अधिकांश महिलाओं (79.3 प्रतिशत) ने बताया कि 12 वर्ष या उससे अधिक की उम्र में उनको पहला पीरियड हुआ था. 63.1 प्रतिशत ने बताया कि वे ऐसी लड़कियों को जानती हैं जिन्हें हाल ही में मासिक धर्म शुरु हुआ है जिनमें से 37.5 प्रतिशत लड़कियों की आयु 11 वर्ष या इससे कम है. वास्तव में इस सर्वे में सामने आया है की लड़कियों को 8 वर्ष (3.2 प्रतिशत) और 9 वर्ष (4.8 प्रतिशत) की नाज़ुक उम्र में भी पहला मासिक धर्म हो रहा है.
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इस सर्वे के परिणामों ने ‘वो पांच दिन’ के वाक्यांश पर भी सवाल खड़ा किया है क्योंकि एक तिहाई से भी कम (30.3प्रतिशत) महिलाओें को 5 दिन की माहवारी होती है. 22.8 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें तीन दिन या उससे कम दिनों के लिए पीरियड्स होते हैं जबकि 1.8 प्रतिशत महिलाओं की माहवारी हर महीने 8 या उससे ज्यादा दिनों तक चलती है.
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