Monkey Pox Cases: कोरोना महामारी के बीच में अब एक और खतरे की घंटी रही है. पता चल रहा है कि ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल और कनाडा के बाद अब अमेरिका में भी मंकी पॉक्स (Monkey Pox) का एक केस सामने आ गया है. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा कि इंग्लैंड में मंकीपॉक्स के 11 और मामले पाये गए हैं, जिसके बाद देश में इस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 20 तक पहुंच गई है. ब्रिटेन में इस महीने की शुरुआत में मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले सामने आए थे.
मंकीपॉक्स वायरस(Monkeypox Virus) ऑर्थोपॉक्सवायरस के परिवार से आता है. इसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है. गौरतलब है कि वैरियोला वायरस से स्मॉल पॉक्स या छोटी चेचक बीमारी होती है, इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन में होता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक की तुलना में कम गंभीर होते हैं. स्मॉलपॉक्स या चेचक को टीके के ज़रिए दुनिया भर से 1980 में ख़त्म कर दिया गया था पर कई मध्य अफ्रीकी और पश्चिम अफ्रीकी देश में मंकीपॉक्स के केस अब भी पाए जाते हैं.
मंकीपॉक्स जानवरों से फैलने वाली बीमारी है. यह वायरस जंगलों में जानवरों के अंदर होते हैं. लेकिन घर में आने-जाने वाले जानवर मनुष्यों तक इस वायरस को लेकर आ जाते हैं. WHO की रिपोर्ट के अनुसार मंकी पॉक्स गिलहरी, चूहों और कई तरह के बंदरों में पाया जाता है.
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तेज बुखार आना
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तेज सिरदर्द
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शरीर में सूजन होना
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त्वचा पर लाल चकत्ते और फफोले पड़ना
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एनर्जी में कमी होना
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समय के साथ लाल चकत्ते घाव के रूप में बदलना
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बीमारी को 2 से 3 सप्ताह तक रहना
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दानों में असहनीय दर्द का होना, जोड़ों में सूजन
यह कोरोना वायरस की तरह ही एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे संक्रमित व्यक्ति में जा सकती है. इसके अलावा बॉडी को टच करने वाली किसी भी तरह की वस्तु से यह बीमारी दूसरों में संक्रमित हो सकती है. इतना ही नहीं अगर संक्रमित व्यक्ति का कपड़ा कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल करता है, तो उसे भी यह बीमारी लग सकती है.
इस बीच, यूकेएचएसए ने जोर दिया कि ये वायरस आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता और ब्रिटेन में मंकीपॉक्स संक्रमण के प्रसार का जोखिम बेहद कम है. यूकेएचएसए की मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ सुसन हॉप्किंस ने कहा कि हम सामने आए मरीजों के करीबी संपर्क वाले लोगों की पहचान कर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के साथ ही उचित परामर्श दे रहे हैं.
हालांकि मंकी पॉक्स का कोई इलाज नहीं है. इसमें व्यक्ति को निमोनिया जैसी जटिलताओं का जोखिम रहता है. संक्रमित व्यक्ति को सेप्सिस भी हो सकता है और कॉर्निया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त भी हो सकती है. इसमें व्यक्ति अंधा भी हो सकता है. आमतौर पर शरीर इसे ठीक कर देता है लेकिन कुछ मामलों में बीमारी काबू से बाहर हो जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन से इस बीमारी से बचा जा सकता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.