Mrigasira Karthi Festival: हैदराबाद बथिनी परिवार द्वारा लोकप्रिय ‘मछली प्रसादम’ का वितरण, जिसे अस्थमा का इलाज माना जाता है.शुक्रवार को हैदराबाद के नामपल्ली प्रदर्शनी मैदान में आयोजित किया गया था. इस वर्ष यह आयोजन कोविड-19 महामारी के कारण तीन साल के अंतराल के बाद आयोजित किया गया था. चार मीनार इलाके में रहने वाला बथिनी गौड़ परिवार पिछले 150 वर्षों से इसके जरिए अस्थमा के मरीजों का इलाज करता आ रहा है. वे जीवित मछली के मुंह में इलाज के लिए जड़ी-बूटी डाल देते हैं और दमा के रोगियों को उनकी बीमारी का प्रभावी इलाज खोजने के लिए इस मछली को निगलना होता है.
बथिनी गौड़ परिवार
बथिनी गौड़ परिवार का कहना है कि इस दवा पर इनका ही एकाधिकार है. इस परिवार द्वारा यह दवा पूरी तरह मुफ्त दी जाती है. इस परिवार का कहना है कि यह एक औषधि है जिसका तरीका पीढ़ी दर पीढ़ी आगे दिया जाता है. हर साल ‘मृगशिरा कार्थी’ के दिन ‘मछली प्रसादम’ (मुरल मछली और हर्बल पेस्ट शामिल) दिया जाता है.कहा जाता है कि ‘मछली प्रसादम’ का सूत्र एक पवित्र व्यक्ति द्वारा परिवार के एक बुजुर्ग को बताया गया था.
तेलंगाना के पशुपालन मंत्री ने किया ट्वीट
तेलंगाना के पशुपालन मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव, जिन्होंने ‘मछली प्रसादम’ के वितरण की शुरुआत की, ने ट्वीट किया कि राज्य सरकार ने इस अवसर के लिए सभी प्रबंध किए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि प्रसाद लेने के लिए विभिन्न राज्यों से आने वाले लाखों लोगों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.
నాంపల్లి ఎగ్జిబిషన్ గ్రౌండ్ లో చేప ప్రసాదం పంపిణీ ని ప్రారంభించడం జరిగింది.
చేప ప్రసాదం కోసం ప్రభుత్వం అన్ని ఏర్పాట్లు చేసింది
వివిధ రాష్ట్రాల నుండి వచ్చే లక్షలాదిమంది ఎలాంటి ఇబ్బందులకు గురికాకుండా చర్యలు తీసుకున్నాం
బత్తిన హరినాధ్ గౌడ్ కుటుంబ సభ్యులు ఇచ్చే చేప ప్రసాదం పై… pic.twitter.com/2NLeUmBn1i— Talasani Srinivas Yadav (@YadavTalasani) June 9, 2023
‘फिश प्रसादम’ में मुर्रल मछली और हर्बल पेस्ट शामिल हैं. ‘मछली प्रसादम’ के औषधीय गुणों पर वैज्ञानिकों, तर्कवादियों और अन्य लोगों ने अक्सर सवाल उठाए हैं. हालांकि, लोग हर साल शहर में ‘प्रसादम’ लेने के लिए पहुंचते हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.