Mumps Symptoms & Treatments: क्या है गलसुआ? शरीर में दिखे ये लक्षण तो तुरंत भागे डॉक्टर के पास

Mumps Symptoms & Treatments: इस समय केरल में कण्ठमाला यानी गलसुआ के करीब 11,467 मामले सामने आ गए हैं. यह खतरनाक बीमारी सबसे अधिक बच्चों में पाया जाता है. चलिए जानते हैं आखिर क्या है गलसुआ? इसका लक्षण और इलाज...

By Shweta Pandey | March 12, 2024 1:53 PM

Mumps Symptoms & Treatments: गलसुआ एक गंभीर बीमारी है जो इन दिनों केरल राज्य में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है. इस समय केरल में कण्ठमाला यानी गलसुआ के करीब 11,467 मामले सामने आ गए हैं. यह खतरनाक बीमारी सबसे अधिक बच्चों में पाया जाता है. चलिए जानते हैं आखिर क्या है गलसुआ? इसका लक्षण और इलाज क्या है?

क्या है गलसुआ?

Mumps

केरल राज्य में इन दिनों गलसुआ का प्रकोप सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. गलसुआ को अंग्रेजी में Mumps और आमभाषा में कण्ठमाला कहा जाता है. यह एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है. जो प्रमुख रूप से लार ग्रांथियां यानी की पैरोटिड ग्रंथियों को ही प्रभावित करता है. पैरोटिड ग्रंथियां हमारे मुंह में लार बनाती हैं. इन ग्रंथियों के तीन समूह हैं जो मुंह के तीनों ओर होते हैं. यह कानों के पीछे और नीचे स्थित होते हैं. जहां पर गलसुआ अटैक करता है. जिसके कारण गाल, जबड़े और कान के पास सूजन होने लगता है और उस एरिया में दर्द बना रहता है.

गलसुआ का लक्षण

Mumps

वैसे तो गलसुआ का शुरुआती लक्षण साफ नजर नहीं आता है. लेकिन गलसुआ के संपर्क में आने के करीब 20 दिन बाद इसका लक्षण दिखना शुरू हो जाता है. जिन लोगों में गलसुआ होता है उन्हें शुरुआत में ते बुखार, सिर में दर्द, भूख न लगना, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, चबाने और निगलने में दर्द होना और साथ ही गालों में सूजन होने लगता है. बता दें सबसे अधिक गलसुआ का खतरा बच्चों में होता है.

गलसुआ का इलाज

Mumps

गलसुआ से बचने के लिए बच्चों को गलसुआ-खसरा-रूबेला (MMR) टीका लगवाएं. गौरतलब है कि गलसुआ की रोकथाम के लिए टीकाकरण ही सबसे अच्छा तरीका है. 13 महीने के बच्चों को गलसुआ का एक टीका जरूर लगवाएं. बता दें अगर किसी व्यक्ति या बच्चे को गलसुआ है तो उसे छींकते समय टिश्यु पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए. जिस व्यक्ति या बच्चे को गलसुआ हुआ है उसे अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ताकि दूसरों में यह बीमारी ना फैले. गलसुआ से पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन के साथ धोते रहना चाहिए. साथ ही डॉक्टर के पास जाना ना भूलें.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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