Health Tips for Muscle Pain: अक्सर लोग मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. यही वजह है कि 20 वर्ष की उम्र तक अधिकतर लोगों में सैक्रोपेनिया यानी मांसपेशियों के नष्ट होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसके अलावा मांसपेशियों में दर्द होना, खिंचाव और ऐंठन जैसी समस्याएं आम लोगों को ही नहीं, बल्कि बड़े-बड़े खिलाड़ियों को भी परेशान करती रहती हैं. पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गयी भारतीय क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ियों को मांसपेशियों में खिंचाव के कारण टीम से बाहर होना पड़ा था. जानिए मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए क्या-क्या उपाय किये जा सकते हैं.
मांसपेशियां हमारे शरीर की महत्वपूर्ण संरचना होती हैं. उनके बिना न हम खड़े हो सकते हैं, न सीधे बैठ सकते हैं, न ही चल सकते हैं. मांसपेशियों में होने वाले दर्द को चिकित्सीय भाषा में म्यालजिया कहते हैं. यह दर्द शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, क्योंकि मांसपेशीय ऊतक शरीर के हर भाग में होते हैं. मांसपेशियों में होनेवाले दर्द मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं.
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लोकेलाइज मसल्स पेन : जब मांसपेशियों का दर्द केवल कुछ मांसपेशियों या शरीर के किसी विशेष भाग को प्रभावित करता है, तो इसे लोकेलाइज मसल्स पेन कहते हैं. यह दर्द मांसपेशियों में खिंचाव, उनके अधिक इस्तेमाल या हल्की चोट लगने के कारण हो सकता है.
सिस्टेमिक मसल्स पेन : जब दर्द पूरे शरीर में होता है, तो उसे सिस्टेमिक मसल्स पेन कहते हैं. यह शरीर की मांसपेशियों के अत्यधिक कमजोर होने, संक्रमण, बीमारी या दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण हो सकता है.
खराब जीवनशैली के कारण ही मांसपेशियां समय से पहले कमजोर हो रही हैं. ऐसे में शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, अधिक देर तक बैठे रहने या लेटे रहने से मांसपेशियों का लचीलापन कम हो जाता है. अपनी क्षमता से अधिक काम न करें. अतिसक्रिय जीवन जीना मांसपेशियों को कमजोर बनाने में अहम भूमिका निभाता है. अनिद्रा से बचें, 6 से 8 घंटे की पूरी नींद लें.
मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर खान-पान का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. संतुलित व पोषक भोजन का सेवन जरूरी है, ताकि मांसपेशियों को समय पर पोषण उपलब्ध हो सके. ऐसा भोजन, जिसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इससे शरीर में वसा जमा होने लगती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं. एक दिन में तीन मेगा मील खाने की जगह छह मिनी मील खाएं.
अधिकतर लोगों में मांसपेशियों में होने वाला दर्द कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार महीनों तक इस दर्द से छुटकारा नहीं मिलता. ऐसी स्थिति में विभिन्न जांचों के द्वारा मांसपेशियों में दर्द के वास्तविक कारण का पता लगाया जाता है.
दवाइयां : सूजन कम करने और मांसपेशियों को रिलैक्स रखने के लिए दवाइयां दी जाती हैं. दर्द कम करने के लिए पेन किलर और पेन रिलीवर दिये जाते हैं. अगर विटामिन्स और मिनरल्स की कमी के कारण मांसपेशियां कमजोर हो रही हों, तो डॉक्टर उनके सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं.
Posted by : Rajat Kumar
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.