26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना काल में लोगों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा नमो सिद्ध स्वदेश योगासन, 7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर किया गया पेश, जानिए कैसे होगा फायदा

नमो सिद्ध स्वदेश योगासन को देश में सुपर कंप्यूटर परम 1000 बनाने वाले डॉ एसएन भवसार की किताब के आधार पर तैयार किया गया है. इससे कोरोना काल के दौरान लोगों को खुद को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी. यह योगासन अनुरिस (अगस्त्य नाथ यूनिवर्सिटी फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन स्टेट ऑफ बिइंग) की ओर से पेश किया गया है.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों को स्वस्थ रहने के लिए दवा जितनी जरूरी है, उतना ही आवश्यक योग को भी माना जाता है. खासकर जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उन्हें योग करने की हिदायत दी जाती है. इसी समस्या के मद्देनजर 7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सोमवार को नमो सिद्ध स्वदेश योगासन देश को समर्पित किया गया.

बता दें कि नमो सिद्ध स्वदेश योगासन को देश में सुपर कंप्यूटर परम 1000 बनाने वाले डॉ एसएन भवसार की किताब के आधार पर तैयार किया गया है. इससे कोरोना काल के दौरान लोगों को खुद को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी. यह योगासन अनुरिस (अगस्त्य नाथ यूनिवर्सिटी फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन स्टेट ऑफ बिइंग) की ओर से पेश किया गया है. हालांकि, इस योगासन को गोरक्षनाथ संप्रदाय, कालिकानाथ संप्रदाय एकलव्य शाखा मिशन अगस्त्यनाथ द्वारा इससे पहले 2015 में प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समर्थ योगासन के लिए पेश किया गया था.

इस मौके पर अनुरिस, कालिकानाथ संप्रदाय एकलव्य शाखा मिशन अगस्त्यनाथ की टीम टीम स्वहोश और जोश (ज्वाइंट आर्थो स्पाइन होलेस्टिक हेल्थ) से जुड़े आर्थोपेडिक्स और स्पोटर्स मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ पवन कुमार कोहली के अनुसार, नमो योगासन के प्रमुख तीन चरण और 11 दशाएं हैं. स्वस्थ्य तन और शांत मन के लिए इसका दिन में दो बार अभ्यास करने की सलाह दी गई है. अनुरिस द्वारा पेश किया नमो योगासान की सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया है.

उन्होंने बताया कि नमो योगासन सुपर कंप्यूटर परम को बनाने में योगदान देने वाले वैज्ञानिक डॉ एसएन भवसार की किताब से प्रेरित है. डॉ भवसान ने शिवासर्वोदय, प्राण विद्या नाम किताब लिखी और स्पेस टाइम मोशन थ्योरी पर शोध कर यह निष्कर्ष निकाला कि मूवमेंट इज मेडिसिन. नमो सिद्ध स्वदेश योगासन को इसी थ्योरी के आधार पर तैयार किया गया है. अनुरिस (अगस्त्य नाथ यूनिवर्सिटी फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन स्टेट ऑफ बिइंग) गोरक्षनाथ सम्प्रदाय, कालिकानाथ सम्प्रदाय एकलव्य शाखा मिशन अगस्त्यनाथ द्वारा इससे पहले 2015 में पहले विश्व योग दिवस पर समर्थ योगासन को लांच किया गया था.

डॉ पवन कुमार कोहली ने बताया कि नमो योग की तीन प्रमुख मुद्राओं से नंबर आठ का सर्किल बनता है, आठ नंबर को अनंत या इंफिनिटी का नंबर भी माना जाता है और यह बताता है कि अनंत को प्राप्त करना कठिन नहीं है. नमो आसान केवल यौगिक क्रिया नहीं. यह स्टेट ऑफ माइंड है. नमो योगासन मस्तिष्क की सजगता और एकग्रता का माध्यम है. योगासन करते हुए आतंरिक और बाहरी मुद्राओं के देव भगवान विठ्ठल के स्मरण को अहम बताया गया है. धर्मो रक्षति रक्षित: को मूल मंत्र मानते हुए नमो सिद्ध स्वदेश योगासन का यहां दिल्ली में सोमवार को शुभारंभ किया गया.

क्या हैं नमो योगासन की प्रमुख मुद्राएं

  • सबसे पहले हाथों को कमर पर रख कर सीधे खड़े हों, कमर को जिनता संभव हो सके सीधा ही रखें, ऊपर से नीचे की ओर देखें, पसली और छाती बिल्कुल सीध में होनी चाहिए, पेट सामान्य स्थिति में हो, न ज्यादा अंदर हो न ज्यादा बाहर, आराम से यौगिक श्वांस लें.

  • अब पीछे की ओर कदम बढ़ाएं, पीछे कदम बढ़ाते हुए पूरी तरह सजग रहें, इस तरह एक सर्किल या आठ नंबर का आधा हिस्सा पूरा करें, यही प्रक्रिया फिर से अपनाते हुए आठ नंबर का सर्किल पूरा करें, इस तरह क्लॉक वाइज और एंटी क्लाक वाइज दो सर्किल पूरे करें. पहला चरण स्व: अस्थ्यासन पूरा हुआ.

  • स्व: बोध आसन के लिए इसी प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं, पूरब से पश्चिम पीछे की ओर कदम बढ़ाते हुए चलें, इस दौरान मेरूदंड या कमर सीधी रखें, श्वांस पर नियंत्रण और मस्तिष्क को केन्द्रित करें, इस समय आपको अपने हाथों को सिर के पीछे की तरफ रखना है, ऐसी अवस्था में आपको नंबर और का पहला और दूसरा सर्किल चलते हुए पूरा करना है। दूसरे सर्किल में पश्चिम से पूरब की ओर चलें.

  • तीसरा चरण है स्व: उद्यासन, इसमें हाथों को कंधे के ऊपर सीधे करें और पीछे की ओर कदम बढ़ाते हुए आठ नंबर का पहला सर्किल पूरा करें, इसी अवस्था में दूसरा सर्किल पूरा करें, इस दौरान कमर सीधी और सांस पर नियंत्रण बना रहना चाहिए.

  • योग के आखिरी चरण में दोनों हाथों को आपस में जोड़ते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हों, नमस्कार की इस अवस्था में 10 अंगुलियां आपस में मिलकर उर्जा का संचार कर रही होती हैं.

  • महावतार बाबा जी क्रिया योगा : पहले प्रारंभिक योगासन के बाद नमो सिद्ध स्वदेश योगासन का दूसरा एडवांस चरण महावतार बाबा जी योग क्रिया है, जिसमें सिद्धिओं के संग्रहण और प्रबोधन को बताया गया है. तीसरे चरण के अति अग्रिम योगासन में बंधनों को केंद्रित किया गया है.

Also Read: International Yoga Day 2021: कोरोना वायरस के थर्ड लहर के दौरान बच्चों की इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए करें ये 5 योगा, जानें योग शिक्षिका राफिया नाज से कुछ टिप्स…

Posted by : Vishwat Sen

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें