Modi Govt 2.0 Anniversary, Ayushman Bharat Yojna, Aarogya Setu App: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष समाप्त कर चुके हैं. उन्होंने आज ही के दिन वर्ष 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. कोरोना संकट से जूझ रहे देश को उबारने के लिए मोदी सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं. इससे पहले के वर्षों में भी उन्होंने सफलतापूर्वक कई स्वास्थ्य योजनाओं चलाई हैं.
दरअसल, कोरोना को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार 2.0 अपनी सालगिरह अनोखे ढ़ंग से मना रही है. इसके लिए 750 वर्चुअल रैली और 1000 वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की योजना है.
आयुष्मान भारत योजना : मोदी सरकार ने वर्ष 2018 में देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ नाम से शुरू की. इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना था. इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कोई भी पैसे नहीं लिए जाते हैं. इससे करीब 10 करोड़ बीपीएल धारकों को लाभ हुआ था.
मोदी सरकार 2.0 का पहले बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को 69,000 करोड़ रुपये : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट 2020 पेश किया. जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र पर काफी जोर दिया है. सरकार ने स्वच्छ हवा और रोग मुक्त भारत की बात करते हुए टीबी को भी जड़ से समाप्त करने के लिए साल 2025 का लक्ष्य रखा. इसके लिए सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को 69,000 करोड़ रुपये दिए.
1. इंद्रधनुष मिशन के तहत कोई भी गर्भवती महिलाएं और बच्चा टीकाकरण अभियान से वंचित ना रहें.
2. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत छोटे शहरों में नए अस्पतालों की योजना
3. मेडिकल उपकरण पर सेस लगाया
4. टी.बी. हारेगा देश जीतेगा अभियान की शुरूआत की गई
5. स्वच्छ भारत और स्वच्छ हवा
इन सबके अलावा दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिक के लिए भी इस बजट में प्रवाधन किए गए.
कोरोना से बचाव के लिए आरोग्य सेतु ऐप : भारत में कोरोना वायरस को देखते हुए मोदी सरकार ने इसके रोकथाम के लिए ओरोग्य सेतु ऐप लॉन्च किया. इस ऐप के जरिये किसी भी संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जा सकती है और आम आदमी इस खतरे को भांप कर बच सकता है.
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. इसमें स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर 15 हजार करोड़ दिया गया. यह आर्थिक पैकेज की 5वीं और आखिरी किस्त थी.
– इस पैकेज में मुख्य तौर पर टेस्टिंग और लैब किट के लिए 550 करोड़ का फंड दिया गया.
– स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख के बीमा किया गया.
– इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में हर जिले के हर ब्लॉक में पब्लिक हेल्थ लैब बनाने की बात भी की गई है.
हेल्थ वर्कर पर हमले रोकने के लिए एक्ट : कोरोना काल में ही हेल्थ वर्कर पर हो रहे हमले को रोकने के लिए भी एपीडर्मिक एक्ट में संशोधन किए गए.
300 से ज्यादा यूनिट में पीपीई किट खोला गया : सरकार ने संकट में अवसर भी निकाले. देश में करीब 300 से ज्यादा पीपीई किट यूनिट खोला गया. जहां करीब 3.2 लाख से अधिक पीपीई किट प्रतिदिन तैयार की जा रही है.
एन95 मास्क और एचसीक्यू टेबलेट : सरकार द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए एन95 मास्क भी भारत में प्रतिदिन लाखों की संख्या में बनाए जा रहे हैं. वहीं, एचसीक्यू दवा के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए इसका उत्पादन भी भारी मात्रा में किया जा रहा है. साथ ही साथ वेंटिलेटर का भी उत्पादन जारी है.
आईसीएमआर द्वारा सर्वेक्षण : आईसीएमआर द्वारा रेड जोन में सामुदायिक प्रसारण के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं. इसके लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया जा चुका है.
प्रतिदिन लाखों टेस्ट : कोरोना के रोकथाम को लेकर प्रतिदिन लाखों टेस्ट भी किए जा रहे हैं.
इसके अलावा पूर्व से चले आ रहे स्वच्छ भारत और नमामि गंगे जैसे कुछ अभियान भी कहीं न कहीं हमारे पार्यावरण और स्वास्थ्य से ही जुड़े हुए हैं
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.