National Blueberry Day 2023: राष्ट्रीय ब्लूबेरी दिवस आज यानी 8 जुलाई को है. हम ब्लूबेरी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी फैलाने के लिए इस दिन को मना रहे हैं. यह छुट्टियाँ हमारे पसंदीदा, स्वादिष्ट, पोषक तत्वों से भरपूर, फाइबर से भरपूर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फलों को समर्पित है. ब्लूबेरी हमारे शरीर के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी कई लाभों से भरपूर है. आइए इस फल और इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में और अधिक जानें
मोटापे को कम करने में मददगार
ब्लूबेरी में एन्थोसायनिन नामक तत्व पाया जाता है, जो मोटापे को कम करने में मददगार हो सकता है, जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए ब्लूबेरी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है.
पाचन की समस्या से परेशान हैं तो ब्लूबेरी को डाइट में शामिल करें. ब्लूबेरी में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो पेट दर्द गैस और पाचन को ठीक रखने में मदद कर सकता है.
बीजी लाइफस्टाइल और काम के प्रेशर के चलते आज के समय में लोग कम उम्र में ही स्ट्रेस के शिकार हो रहे हैं. स्ट्रेस से बचने के लिए आप ब्लूबेरी का सेवन कर सकते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है.
इसमें पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और फाइटो न्यूट्रीएंट मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करता है. साथ ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य को बनाए रखता है.
ब्लूबेरी शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है और इसे खराब होने से बचाती है. यह फल रक्तचाप को कम करने में भी मदद कर सकता है.
ब्लूबेरी एथेरोस्क्लेरोसिस हार्टअटैक और स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है. इसमें मौजूद फायबर एन्थोसाईनिन, पोटेशियम, विटामिन बी 6 और विटामीन सी पा.या जाता है.
नियमित रूप से ब्लूबेरी का सेवन मानव शरीर के साथ ही उसकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. हॉलिडे इनसाइट्स नामक एक संगठन ने 8 जुलाई को राष्ट्रीय ब्लूबेरी दिवस के रूप में घोषित किया है. इसका मुख्य उद्देश्य स्वादिष्ट बेरी के अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों को अबगत कराना है. वेबसाइट ब्लूबेरी काउंसिल के अनुसार, ब्लूबेरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत मानी गई हैं जो हृदय रोग के खतरे को कम करता है.
भारत में ब्लूबेरी खाने का ज़्यादा प्रचलन नहीं है. ज़्यादातर लोगों ने तो ब्लूबेरी देखा भी नहीं होगा. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत की जलवायु ब्लूबेरी के उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है. पारंपरिक रूप से इसका उत्पादन ठंडे और सर्दी वाले इलाके में किया जाता है.