National Vaccination Day: हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है. ताकि लोगों को वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके. नेशनल टीकाकरण दिवस का मुख्य उद्देश्य गंभीर से गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन करना है. टीकाकरण कराने से ही खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं भारत में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस कब मनाया गया था? महत्व और साल 2024 की थीम…
भारत में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस कब मनाया गया था?
भारत में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 16 मार्च साल 1995 में मनाया गया. तभी से लेकर अभी तक हर साल 16 मार्च को नेशनल वैक्सीनेशन डे सेलिब्रेट किया जाता है. यहीं समय था जब भारत में पहली बार बच्चों को पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी.
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का महत्व
टीकाकरण का मनुष्य के जीवन में खास महत्व है. गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है. टीकाकरण से खतरनाक बीमारी जैसे पोलियो, चेचक, टिटनस और खसरा आदि से बचा जा सकता है.
राष्ट्रीय टीकाकरण थीम
16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाएगा. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करना है. ताकि खतरनाक बीमारियों से लड़ा जा सकते. इस बार राष्टीय टीकाकरण की थीम “टीके सभी के लिए काम करें” “Vaccines Work For All है.
टीकाकरण क्यों मायने रखता है?
संक्रमण की रोकथाम: संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण जरूरी है. वैक्सीनेशन के कारण संक्रमण को रोका जा सकता है. बता दें राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस खसरा, इन्फ्लूएंजा, पोलियो और अन्य बीमारियों को रोकने का काम करता है.
सार्वजनिक सुरक्षा: टीका लगवाने से आप तो सुरक्षित रहेंगे ही आपके साथ-साथ आपके आस-पास के लोगों की सुरक्षा भी बढ़ जाएगी.
वैश्विक प्रभाव: टीकाकरण से वैश्विक महामारी से बचा जा सकता है. टीकाकरण से आप बीमारी को ख़त्म कर सकते हैं. आपको बताते चलें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार साल 2017 से लेकर साल 2020 तक अपने देश में करीब 32.4 करोड़ बच्चों को एमआर टीकाकरण किया जा चुका है. टीकाकरण एक ऐसा जरिया है जो मूल रूप से संक्रमित रोगों को फैलने से रोकने का काम करता है साथ ही संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ानें में मदद करता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.