पाकिस्तान के व्यक्ति का जयपुर में हुआ टीएवीआई से इलाज, मिला जीवनदान, जानें क्या है ये प्रक्रिया

पाकिस्तान के एक 65 वर्षीय व्यक्ति को जयपुर में टीएवीआई प्रक्रिया से गुजरने के बाद नया जीवन मिला है. इस प्रक्रिया के ठीक पांच दिन बाद ही मरीज पाकिस्तान स्थित अपने घर वापस चला गया था.

By Shaurya Punj | February 14, 2023 5:24 PM

पाकिस्तान के एक 65 वर्षीय व्यक्ति को जयपुर में ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) प्रक्रिया से गुजरने के बाद नया जीवन मिला है. दूसरे अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने एक साल से भी कम समय में उसकी दूसरी ओपन-हार्ट सर्जरी करने से इनकार कर दिया था.

राजस्थान के आरएचएल हार्ट सेंटर के अध्यक्ष के चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवींद्र सिंह राव जो नॉन-सर्जिकल माइट्रल वाल्व रिपेयर के लिए टीएवीआर, मिट्राक्लिप के विशेषज्ञ हैं, द्वारा की गई प्रक्रिया के ठीक पांच दिन बाद ही मरीज पाकिस्तान स्थित अपने घर वापस चला गया था.

वाल्व की गतिशीलता और कार्य को प्रभावित कर सकता है

एक पाकिस्तानी मरीज का उपचार करने के बाद, डॉ. राव ने कहा, “इस प्रकार की वाल्वुलर बीमारी बहुत दुर्लभ है और इसका उपचार करना मुश्किल है क्योंकि इस तरह से क्षतिग्रस्त वाल्व में जब कोई भी उपकरण प्रत्यारोपित किया जाता है तो वह वाल्व की गतिशीलता और कार्य को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, हमने प्रक्रिया को बहुत सावधानी से किया और यह सफल रहा. मुझे बहुत खुशी है कि हमने पड़ोसी देश के एक वरिष्ठ नागरिक को जीवनदान दिया है.”

चिकित्सा जटिलताओं का जोखिम कम होता है

मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाओं और उनकी प्रभावकारिता के फायदों के बारे में बताते हुए, डॉ राव ने कहा, “ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई), ट्रांसकैथेटर माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएमवीआर) और रिपेयर प्रोसीजर्स (मित्राक्लिप) वाल्वुलर हृदय रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान हैं. यह एक कम दर्दनाक प्रक्रिया है जिसमें रिकवरी की अवधि कम होती है. इसके अलावा, चिकित्सा जटिलताओं का जोखिम भी कम होता है, और मरीज के जल्दी सामान्य स्थिति में आने का फायदा भी होता है.”

जानें क्या है टीएवीआई प्रक्रिया

टीएवीआई (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके की जाने वाली एक न्यूनतम इनवेसिव गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है जो डॉक्टरों को क्षतिग्रस्त वाल्व को हटाए बिना या मरीज की छाती को खोले बिना हृदय में एक वाल्व को बदलने को संभव बनाती है.

टीएवीआई प्रक्रिया के फायदे

टीएवीआई प्रक्रिया के फायदों को बताते हुए, मेट्रो हॉस्पिटल्स में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ समीर गुप्ता ने कहा, “टीएवीआई (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन), इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में एक सफल उपलब्धि है. यह उन लोगों के लिए एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है जिनमें पारंपरिक सर्जिकल प्रक्रिया का उच्च जोखिम है. टीएवीआई ने महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस के मरीजों के लिए नई संभावनाएं खोली हैं. पारंपरिक सर्जरी की तुलना में इसकी सर्जरी कम इनवेसिव होती है. जिन मरीजों की टीएवीआई सर्जरी हुई है, वे सर्जरी के बाद 48 घंटों या 3-5 दिनों में घर वापस जा सकते हैं, जो उनके ठीक होने की दर पर निर्भर करता है.”

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version