Parenting : हर पेरेंट की यही सोच होती है कि उसके बच्चे हमेशा सही दिशा में आगे बढ़े. उनके साथ कभी गलत ना हो. बच्चों के जीवन को आसान बनाने के लिए वे किसी भी तरह से उनके पास, उन पर नजर बनाए रखते हैं ताकि उन्हें कोई पीड़ा ना हो. इसके लिए गलत देखने पर हर चीज में उन्हें रोकना टोकना, जरूरत से ज्यादा दबाव बनाना या जरूरत से ज्यादा देखभाल करना उन्हें फायदे की पहचान नुकसान पहुंचा सकता है. दरअसल हेलीकॉप्टर पेरेंट अपने बच्चों के जीवन में हर छोटे पहलू में भारी रूप से शामिल होने की शैली है. इसमें माता-पिता बच्चों की हर सफलता और असफलता के लिए बहुत अधिक जिम्मेदारी लेने लगते हैं. माता-पिता सोचते हैं कि उनकी भागीदारी बच्चों के भलाई के लिए जरूरी है लेकिन रिसर्च से यह भी पता चलता है इसके कई नेगेटिव असर भी हैं.
हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग करने वाले माता-पिता अक्सर बच्चों को गेम एक्टिविटी से लेकर पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पढ़ाई में खराब ग्रेड से बचने के लिए या फिर उनके रिजल्ट को बेहतर करने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करते हैं. इसका मतलब यह है कि वह अपने बच्चों के लिए उनके होमवर्क को पूरा करना उनके लिए कौन से दोस्त अच्छे हैं उनको चुना बच्चों की समस्याओं को उनके द्वारा हल करने के बजाय खुद से ही हल करना.इस तरह के पालन पोषण की शैली से बच्चों में आत्मविश्वास और किसी भी समस्या से मुकाबला करने की कौशल शक्ति का स्तर कम हो जाता है. बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता और अवसाद का असर पड़ सकता है.
हेलीकॉप्टर पैरेंट या हेलीकाप्टर पेरेंटिंग को फ्री रेंज पेरेंटिंग के विपरीत माना जाता है जहां उन्हें फ्रीडम मिलती है खुद के बारे में सोचने और आगे बढ़ाने की. कोई फिक्स्ड तरीका नहीं है लेकिन जो माता-पिता बचपन से ही बच्चों को खुद से सोचने और निर्णय लेने की में मदद करते हैं उनके बच्चों में आत्मविश्वास की भावना अधिक होती है वह चुनौतियों से घबराते नहीं बल्कि निर्णय लेने की क्षमता विकसित करते हैं.
पालन पोषण की अच्छी शैली बच्चों को असफलताओं से उबरना सिखाती है. उन्हें निर्णय लेने और किसी भी रिजल्ट से निपटने के लिए प्रोत्साहित भी करती है उन्हें उनकी पसंद गतिविधियां चुनने में मदद करती है
हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग आपके बच्चों का आत्मविश्वास कम कर सकता है इसलिए बच्चों के साथ रहकर उनकी सोच को विकसित करना पालन पोषण का सबसे अच्छा तरीका है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.