जरूरत से अधिक मोबाइल का इस्तेमाल शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण और समग्र विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.बच्चों को मोबाइल फोन की लत से दूर करने और स्वस्थ विकल्पों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय आप अजमा सकते हैं.
डिजिटल वर्ल्ड में टेक्नोलॉजी का दिनोंदिन विस्तार हो रहा है जितने इसके फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं.
दरअसल बच्चों को फोन की लत लगती कैसी है ये भी सोचने वाली बाती है. गेम, सोशल मीडिया का मायाजाल जब बड़ों को नहीं छोड़ता तो फिर बच्चे कैसे बच सकते हैं.
बच्चे घरों में हर वक्त बड़ों को मोबाइल में चिपके देखते हैं तो उन्हें भी मोबाइल आकर्षित करता है.
मोबाइल फोन की लत हानिकारक : मोबाइल फोन की लत से बच्चे पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है. स्क्रीन टाइम अधिक होने से नींद में खलल, ख़राब सामाजिक कौशल, शारीरिक गतिविधि में कमी और शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट आता है.
सिरदर्द और व्यवहार से जुड़ी समस्याएं: लंबे समय तक ब्लू स्क्रीन के संपर्क में रहने से आंखों में तनाव, सिरदर्द और व्यवहार से जुड़ी समस्याएं आ सकती है इसलिए बच्चों को स्वस्थ आदतों की ओर ले जाने के लिए पहल करना आवश्यक है.
बच्चों के सामने खुद भी कम मोबाइल लें : बच्चे वही सिखते हैं तो उसके माता- पिता करते हैं इसलिए स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देने के लिए खुद भी मोबाइल फोन का संतुलित उपयोग करें. भोजन के दौरान या सोने से पहले मोबाइल का प्रयोग ना करें.
शारीरिक गतिविधियां हैं जरूरी : बच्चों के विकास के लिए शारीरिक गतिविधियां बहुत अहम भूमिका निभाती है ऐसा करने से उनका ध्यान मोबाइल फोन से हटाया जा सकता है. उन्हें सैर पर ले जाए या बाहर खेलने के लिए ले जाएं
मोबाइल का स्क्रीन टाइम सेट करें : बच्चों को अनुशासन सिखाना बहुत जरूरी है. ऐसे नियम बनाएं कि उन्हें पता हो कितने दिन ही उन्हें मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलेगी.
टेक्नोनॉजी का महत्व और नुकसान बताएं : टेक्नोनॉजी से जीवन में कैसे गुणात्मक सुधार हो सकता है. यह जानने के साथ इसके नुकसान के बारे में बच्चों को बताएं. ऐसा करने से उनकी डिजिटल आदतों को बदलने में मदद मिलेगी.
बच्चों को उनके शौक के प्रति प्रोत्साहित करें : हर किसी का एक शौक होता है आप भी अपने बच्चों के शौक को पहचाने और उसे पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करें. जैसे किसी को पेंटिंग तो किसी को डांसिंग पंसद होता है.
कुछ क्षेत्र को टेक्नोलॉजी फ्री जोन बनाएं : घर के कुछ क्षेत्र जैसे भोजन कक्ष हो या बेड रूम इन क्षेत्र में जहां आप फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हैं वहां मोबाइल फोन के हस्तक्षेप को बंद करें.
गंभीर चिंता होने पर पेशेवर की मदद लें : कई बार बच्चे इतने अंकट्रोल हो जाते हैं कि उनका व्यवहार मोबाइल को छोड़ने की बात पर हिंसात्मक हो जाता है और वे डिप्रेशन में चले जाते हैं तो ऐसी गंभीर स्थिति में पेशेवर की मदद लें
बच्चों को कम स्क्रीन टाइम पर पुरस्कृत करें :बच्चों को प्रोत्साहन प्रेरित करता है. अगर बच्चा आपकी बातों को मानते हुए स्क्रीन टाइम को कम रखता है तो उसे डिजिटल आदतों में बदलाव के लिए पुरस्कृत करें.
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