Phone Addiction: क्या आपको भी टॉयलेट में फोन यूज करने की है आदत ? हो सकते हैं बीमार !

Phone Addiction : क्या कभी गौर किया है कि टॉयलेट जाना हो तो साबुन-पानी की बजाय अधिकतरों घरों में आजकल लोग अपना स्मार्टफोन खोजने लगते हैं. यह आजकल हर घर की कहानी बन गई है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि टॉयलेट में इंसान और मोबाइल की लवस्टोरी के क्लाइमेक्स में सेहत मार खाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2023 5:30 PM

Phone Addiction : अरे मेरा फोन कहां है ? हर घर में ऐसा ही सवाल अक्सर गूंजता है. उसके बाद फोन हाथ में मिल जाय तो आदमी नदारद, खोजने पर पता चलता है कि वो तो काफी देर से बाथरूम में है और फोन भी उसके ही पास है. इसके बाद शुरू होता है घर में इस गंदी आदत पर हो हल्ला. फिर सब शांत अगले दिन फिर वहीं सीन. दरअसल अधिकांश लोगों की आदत में शौचालय में फोन का इस्तेमाल शुमार हो गया है. फोन का आविष्कार संवाद के लिए हुआ बाद में टेक्नोलॉजी के विस्तार से इसके आयाम बढ़ते गए अब इसने तो बाथरूम में भी घुसपैठ शुरू कर दी है.

क्या आपको भी है शौचालय में मोबाइल यूज करने की आदत?

इसका जवाब हां है तो इसका मतलब है कि आप भी हर समय स्मार्टफोन का उपयोग करने के आदी हो गए हैं, यहां तक की टॉयलेट सीट पर भी आप फोन नहीं छोड़ सकते. पहले जमाने में लोग अखबार , पत्रिकाएं और उपन्यास लेकर जाते थे. कई लोग तो अब भी ऐसा करते हैं. कुछ लोगों का अपना तर्क होता है कि उन्हें वहां सुकून मिलता है. आज इंटरनेट का युग है बच्चों से लेकर बुजुर्ग सबके हाथों में पूरी दुनिया एक तरह से कैद है. अब कुछ भी जानना है समझना है या किसी दूरस्थ जगह के बारे में जिज्ञासा हो तो सब एक क्लिक पर सुलभ है. ऐसे में स्मार्टफोन आने के बाद हम सब की जिंदगी में हर किसी से अधिक नजदीक और निजी जगह इसने बना ली है. लोग टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल तो करते हैं फिर अपना हाथ साफ कर मोबाइल इस्तेमाल करने लगते हैं लेकिन इस दौरान हाथ तो संक्रमणमुक्त हो जाता है लेकिन फोन रोगाणुयुक्त (germ-loaded phones​) हो जाता है. ​ज्यादातर लोग अपने रोगाणु-युक्त फोन को साफ नहीं करते हैं. अध्ययन से पता चला कि अधिकांश टॉयलेट सीटों की तुलना में सेल फोन में 10 गुना अधिक बैक्टीरिया होते हैं.

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स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ जाता है खतरा

Phone Addiction In Toilet : टॉयलेट में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के बाद दूसरी जगह इसके इस्तेमाल से शौचालय से घर तक कीटाणुओं के फैलने का अधिक खतरा होता है. जिससे फूड प्वॉजनिंग (food poisoning) और दूसरे संक्रमण हो सकते हैं. टॉयलेट में कई बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं. इसकी वजह से डायरिया, बुखार, जैसी बीमारियां हो सकती हैं. कमोड सीट पर लंबे समय तक रहने से भी मूत्र पथ के संक्रमण (urinary tract infection )का खतरा हो सकता है, क्योंकि कमोड के आसपास रोगाणुओं (microbes)का काफी प्रसार होता है. ज्यादा देर तक कमोड पर बैठने से तनाव में लगने वाले समय में वृद्धि के कारण बवासीर (Piles) का खतरा भी बढ़ सकता है.

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यदि आप शौच के लिए गए हैं और आपका ध्यान उससे अलग अपने फोन पर लगा है तो मल त्याग प्रक्रिया बाधित हो सकताी है जिससे आपकी आंतों की अच्छी सफाई नहीं हो पाएगी. इस कारण उसमें अशुद्धियाँ जमा हो सकती हैं जिससे आपकी आंत की सेहत खराब हो सकती है .

बड़ा सवाल – इस आदत को आखिर छोड़े कैसे?
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बड़ा आसान सा जवाब है अपनी इच्छाशक्ति की ताकत से हम इस बुरी आदत से छुटकारा पा सकते हैं. सबसे पहले तो शौचालय में जितना कम वक्त लगे वह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. ऐसे में मूत्राशय या आंत को खाली करने के लिए शौचालय में 10 मिनट से अधिक समय तक बैठने से बचना चाहिए. अगर आप अपने फोन का उपयोग शौचालय में ध्यान भटकाने के लिए करते हैं, तो आपको आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्यों आप अपने मोबाइल के बिना 5 से 10 मिनट भी नहीं रह सकते हैं. क्या आप इसे उन महत्वपूर्ण मुद्दों से बचने और ध्यान भटकाने के लिए चाह रहे हैं जिनसे आपको निपटना है? यह भी हो सकता है कि शौचालय में एकांत में नये विचारों को पनपने का मौका मिलता है . लेकिन कुल मिलाकर कहा जाय तो शौचालय में आप सोचिए जरूर लेकिन बिना स्मार्टफोन के .. .

मोबाइल के मायाजाल में फंसकर सिर्फ नुकसान

हर वक्त मोबाइल फोन के मायाजाल में फंसकर सिर्फ नुकसान ही होगा. जो वक्त आप अनावश्यक बाथरूम में बेकार बर्बाद कर रहे हैं वो वक्त अपनों को दें. जिसका रिटर्न आखिरकार चेहरे पर मुस्कान लाएगा..

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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