PM modi, parijat plant, ayodhya, health benefits of parijat tree, leaves and flowers : अयोध्या में भूमी पूजन (Ayodhya Bhoomi Pujan) हो चुका है. प्रभु श्रीराम चंद्र (lord ram) की जन्मनगरी में भव्य मंदिर निर्माण को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) ने 5 अगस्त को अयोध्या में आधारशिला रखा. आपको ज्ञात होगा की इससे पहले उन्होंने हनुमानगढ़ी (hanumangarhi) पहुंच कर पौधारोपण किया. उस दौरान उन्होंने परिजात का पौधा (parijat ka podha) लगाया. जिसे हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है. क्या आपको मालूम है, इस पौधे में कई औषधीय गुण होते है. नहीं ! तो आइये जानते हैं इसके कई लाभों के बारे में..
पारिजात वृक्ष का आयुर्वेद के साथ-साथ हिंदू धर्म में भी काफी महत्व है. इसे हरसिंगार के अलावा सिहारु, कूरी, सेओली आदि नाम से भी जाना जाता है. सनातन धर्म की पुस्तकों में इस वृक्ष का जिक्र है. ऐसी मान्यता है कि इसी वृक्ष में हनुमान जी रहा करते थे. इसके फूल सफेद और नारंगी रंग के होते है जो काफी सुगंधित होते हैं.
चिरयौवन वृक्ष और श्रीकृष्ण की कहानी : इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं है. इसे चिरयौवन वृक्ष भी कहा गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. जिसे इंद्र अपने वाटिका में भी रोप दिए थे. जिसे बाद में स्वर्ग से धरती पर लाकर लगाया गया था.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरकासुर के वध के बाद इन्द्र ने श्रीकृष्ण को स्वर्ग में इसी वृक्ष का पुष्प भेंट किया था. जिसे भगवान कृष्ण देवी रुक्मिणी को दे दिया, जिससे वे चिरयौवन हो गई. इधर, देवी सत्यभामा को देवमाता अदिति ने चिरयौवन का आशीर्वाद दे दिया था. नारदजी ने सत्यभामा को इसके प्रभाव से देवी रुक्मिणी के भी चिरयौवन की बात बताई तो वे काफी क्रोधित हो गए और श्रीकृष्ण से पारिजात वृक्ष लेने की जिद्द करने लगी.
पारिजात वृक्ष और हनुमान जी : सनातन धर्म की पुस्तकों में कई जगह पर इस वृक्ष का जिक्र तो है ही साथ ही साथ इसमें हनुमान जी के वास की बात भी कही गई है. ऐसी मान्यता है कि इसी वृक्ष में राम भक्त हनुमान रहा करते थे.
– पारिजात के बीज का पेस्ट बनाकर सिर की त्वचा पर लगाने से रूसी संबंधी समस्या दूर होती है.
– इसकी जड़ को चबाने से गले संबंधी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. खांसी के लिए भी इसे औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
– जिन्हें नाक से खून बहने की समस्या होती है. उन्हें इसकी जड़ को चबाने से निजात मिल सकता है.
– आयुर्वेद के अनुसार, इसके पत्तों के रस में थोड़ी मात्रा में चीनी मिलाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते है. आपके स्वस्थ आंतों के लिए यह रामबाण इलाज है.
– डायबिटीज रोगी अगर इसके काढ़े का नियमित रूप से सेवन करें तो उनका ब्लड शुगर लेवल काफी हद तक नियंत्रित हो सकता है.
– कई बार पेशाब का बार-बार आना किसी बीमारी का भी कारण हो सकता है. लेकिन, पारिजात के पत्तों, फूल और जड़ों में इसका इलाज है. इसका काढ़ा पीने से बार-बार पेशाब की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.