17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना के इलाज के नाम पर बंगाल में मनमाने पैसे की वसूली कर रहे प्राइवेट अस्पताल, सरकार ने फिर जारी की एडवाइजरी

कोलकाता : जब तक है सांस, तब तक है आस... कोरोना महामारी के इस दौर में इस आस को बचाये रखने के लिए लोग हर कीमत अदा कर रहे हैं. कुछ निजी अस्पतालों के लिए कोरोना मोटा पैसा बनाने का जरिया बन गया है. महामारी के इस दौर में निजी अस्पताल कोविड व नॉन कोविड दोनों ही मरीजों के परिजनों को लूट रहे हैं.

कोलकाता : जब तक है सांस, तब तक है आस… कोरोना महामारी के इस दौर में इस आस को बचाये रखने के लिए लोग हर कीमत अदा कर रहे हैं. कुछ निजी अस्पतालों के लिए कोरोना मोटा पैसा बनाने का जरिया बन गया है. महामारी के इस दौर में निजी अस्पताल कोविड व नॉन कोविड दोनों ही मरीजों के परिजनों को लूट रहे हैं.

अगर नॉन कोविड मरीजों की बात की जाये, तो अग्रिम अस्पताल शुल्क के नाम पर मरीज के परिजनों से लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं. जांच के नाम पर भी परिजनों को लूटा जा रहा है. अनावश्यक व महंगी जांच करायी जा रही है. एक ही जांच कई बार करायी जा रही है, जिससे महामारी के दौर में बीमार पड़ने वाले मरीज के परिजनों की परेशानी बढ़ गयी है.

वेस्ट बंगाल क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट रेग्युलेटरी कमीशन को निजी अस्पतालों की इस करतूत की भनक लग गयी है. ऐसे में निजी अस्पतालों को फिर से सचेत करने के लिए कमीशन की ओर से शनिवार को एडवाइजरी जारी की गयी. प्राइवेट हॉस्पिटल्स के खिलाफ एक सप्ताह में दूसरी बार कमीशन ने एडवाइजरी जारी की है. निजी अस्पतालों के लिए जारी एडवाइजरी में नौ महत्वपूर्ण विषयों का उल्लेख किया गया है.

Also Read: पश्चिम बंगाल में संपूर्ण लॉकडाउन में सड़कें सुनसान, कानून तोड़ने के आरोप में 306 गिरफ्तार

कमीशन की ओर से जारी एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि अस्पताल के किसी पैकेज के तहत भर्ती कराये जाने वाले मरीज से पैकेज का 20 फीसदी राशि ही अस्पताल एडवांस के रूप में ले सकेंगे. अग्रिम अस्पताल शुल्क के तौर पर 50 हजार रुपये से अधिक नहीं ले सकेंगे. गंभीर हालत में भर्ती कराये गये मरीज के परिजनों पर एडवांस अस्पताल फीस के लिए निजी अस्पताल दबाव नहीं डाल सकेंगे. ऐसे मामलों में कमीशन द्वारा पहले तय की गयी राशि को ही अस्पताल ले सकता है.

कमीशन ने कहा है कि भर्ती कराये जाने के दौरान अगर रोगी के परिजन एडवांस जमा नहीं कर पाता है, तो भी मरीज को भर्ती करना होगा. हालांकि, मरीज के परिजनों को 12 घंटे के भीतर एडवांस का भुगतान कर देना होगा. तय समय के भीतर परिजन अगर राशि जमा नहीं करवा पाते हैं, तो अस्पताल मरीज का एडमिशन रद्द कर सकता है. ऐसा करने से पहले मरीज के परिजनों को एक घंटे का समय भी देना होगा.

मरीज के इलाज पर होनेवाले दैनिक खर्च का ब्योरा प्रतिदिन ई-मेल, एसएमएस या व्हाट्सऐप के जरिये मरीज के परिजनों को देने का निर्देश भी कमीशन ने निजी अस्पतालों को दिया है. कमीशन ने परिजनों को सलाह दी है कि मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का भुगतान वह बैंक के माध्यम से करें. वहीं, अस्पतालों को मरीज से संबंधित लेन-देन सहित सभी रिकॉर्ड को सहेज कर रखने को कहा गया है.

Also Read: बिहार और बंगाल के लोग झारखंड में चलाते हैं नकली शराब की फैक्ट्री! सात लग्जरी कार के साथ 5 तस्कर गिरफ्तार, 30 लाख की शराब जब्त

कमीशन ने कहा है कि अगर बैंक के माध्यम से मरीज के परिजन इलाज के खर्च का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो वे नकद भुगतान भी कर सकते हैं. इसका सही बिल अस्पताल को मरीज के परिजनों को देना होगा.

Posted By : Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें