Health Tips: खाने के बाद फूलता है पेट, तो न करें नजरअंदाज, भोजन में इन चीजों से करें परहेज

Health Tips: अगर आपको थोड़ा-सा खाने पर ही पेट बिल्कुल भरा महसूस होता है या फिर आंतों में गैस या प्रेशर की स्थिति बनने लगती है, जो आपको असहज कर देती है, तो इसकी वजह खानपान भी हो सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 25, 2022 2:34 PM

Health Tips: अगर आपको थोड़ा-सा खाने पर ही पेट बिल्कुल भरा महसूस होता है या फिर आंतों में गैस या प्रेशर की स्थिति बनने लगती है, जो आपको असहज कर देती है, तो इसकी वजह खानपान भी हो सकता है. आमतौर पर ऐसी समस्या कुछ मिनटों या घंटे भर में अपने आप ठीक भी हो जाती है, लेकिन अगर ये क्रोनिक होने लगे तो इंसान को काफी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है.

हाल ही में न्यूट्रिशियनिस्ट पूजा मखीजा ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर इस समस्या के निदान के लिए उपयोगी टिप्स सुझाए हैं. बताया है कि पेट फूलने से बचने के लिए भोजन में इन चीजों को अधिक मात्रा से खाने से परहेज करने की जरूरत है.

सब्जियां: ब्रोकली, गोभी व पत्तागोभी जैसी सब्जियां हमारे शरीर में मौजूद एंजाइमों द्वारा आसानी से पचने में दिक्कत करती हैं. अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट फूलने की समस्या हो सकती है.

फल: आलूबुखारा, सेब, नाशपाती, आड़ू आदि का अधिक सेवन पेट की सूजन, गैस व पाचन तंत्र की समस्याओं को बढ़ा सकता है.

साबुत अनाज

गेंहूं, ओट्स, व्हीट ब्रान, अंकुरित गेहूं आदि

फलियां : बीन्स, बेक्ड बीन, मटर आदि.

पेय पदार्थ: सोडा एवं अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कृत्रिम मिठास और चीनी मुक्त च्युइंग गम में पाए जाने वाले जाइलिटोल, सोर्बिटोल और मेनिटोल.

ऐसे बचें पेट फूलने की समस्या से

पेट को साफ रखें : पेट फूलने की सबसे आम वजह कब्ज होती है. आपको इससे बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए और फाइबर से भरपूर चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए, ताकि पेट साफ रहे.

डायट में प्रोबायोटिक्स को करें शामिल: अपनी डायट में प्रोबायोटिक्स को जरूर शामिल करें. प्रोबायोटिक्स पेट के फूलने को कम करते हैं. खाने में खीरे का अचार किमची (एक प्रकार का कोरियाई अचार) को शामिल करें. हरी सब्जियों को डायट में शामिल करें. अच्छी तरह से पके हुए चावल, जिसे मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रखा गया हो और फिर पकाया गया हो, उसका सेवन करें. साथ ही अपनी लैक्टोज पचा सकने की क्षमता की भी जांच करानी चाहिए.

नियमित रूप से व्यायाम करें: वहीं, शारीरिक रूप से स्वस्थ व चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना भी बेहद जरूरी है. आप वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग और साइकिलिंग जैसी एक्टिविटी को करीब 30 मिनट के लिए अवश्य करें. यह बाउल मूवमेंट को रेग्युलेट करने में मदद करता है.

Posted by: Pritish Sahay

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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