Ramadan 2022: माना जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए दिन में चार से पांच बार खाना चाहिए. जिसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, रात का खाना और शाम का नाश्ता वगैरह शामिल हैं. लेकिन, रमज़ान के दिनों में मुस्लिम समुदाय के लोग सिर्फ सेहरी और इफ्तार में खाते हैं ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वो बीमार पड़ सकते हैं? तो इसका जवाब है नहीं. उल्टा रोजा रखना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. जानें कैसे?
आम दिनों में लोग अक्सर बाहर की चीजें खा लेते हैं. खासतौर पर हाई शुगर वाली चीजें. इस दौरान शरीर का कोलेस्ट्रोल काफी बढ़ जाता है. साथ ही, चाय, कॉफी, कोल्डड्रिंक, डिब्बाबंद जूस वगैरह सेहत के लिए अच्छी नहीं होती. वैसे लोग, जो धूम्रपान करते हैं वो दिन में बार-बार सिगरेट आदि नहीं पी पाते हैं. लेकिन रोज़दार अपना पूरा दिन अपने रोज़मर्रा के काम और इबादत में लगाते हैं, और इस तरह की खानपान की बुरी आदत रोजा के दौरान कम हो जाती है.
हम जितना खाते हैं, उतना काम हमारे पाचन तंत्र का बढ़ता है. क्योंकि हमारे खाने के बाद उन्हें अपना काम शुरू करना पड़ता है और वो बहुत देर तक चलता है. कई बार हम एक चीज हजम होने के पहले ही दूसरी चीज भी खा लेते हैं. इस प्रकार से हमारी पाचन क्रिया को कभी आराम नहीं मिल पाता. लेकिन, रमजान के इस एक महीने में रोजदारों की पाचन क्रिया को काफी आराम मिलता है. इससे शरीर की पाचन क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
रमजान के महीने में यदि आप रोज़े रख रहे हैं तो ये एक मौका है जिसमें आपका शरीर डिटॉक्स होता है. जब आप दिनभर कुछ नहीं खाते, तो आपके शरीर में अंदरूनी सफाई आसानी से हो जाती है. आम दिनों में दिनभर कुछ न कुछ खाने से आपका पेट हमेशा भरा रहता है तो बॉडी डिटॉक्सीफाई नहीं हो पाती.
रमज़ान के दौरान रोजा रखने से वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है. क्यों रोजा के दिनों में लोग खानेपीने पर कंट्रोल कर लेते हैं.व हीं, फलों का सेवन नियमित रूप से करना शुरू कर देते हैं. जिससे उनका वजन कम होता है.
रोजा रखना मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही अचछा होता है. रमज़ान के महीने में ये मौका मिलता है कि आप मानसिक रूप से स्वस्थ हो जाएं. रोज़े रखने वाले लोग इस महीने अपना ध्यान इबादत में लगाते हैं. इससे उन्हें आध्यात्मिक शांति मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.