Ramadan 2022: रमजान का पाक महीना 3 अप्रैल से शुरू हो चुका है और यह लगभग 2 मई तक चलेगा. इस बार गर्मी बहुत ही ज्यादा पड़ रही है ऐसे में रोजा रखने वाली मुस्लिम समुदाय की वर्किंग महिलाओं के लिए यह समय कितना टफ हो जाता है? काम के साथ इबादत के इस महीने में हर दिन को वे कैसे मैनेज करती हैं? रोजे का समय किस तरह से निकाल पाती हैं और खुद को और अपने परिवार को हेल्दी रखने के लिए क्या कुछ करती हैं हमने यह जानने की कोशिश की जानें उन्होंने क्या कहा.
अलमास : दिल्ली की एक आर्किटेक्चर कंपनी में कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही अलमास कहती हैं कि मॉर्निंग में सेहरी का समय और नमाज आसानी से कंप्लीट हो जाती है लेकिन दोपहर के समय लंच टाइम में मैं अपना दो समय का नमाज पूरा कर लेती हूं क्योंकि अभी रोजा के कारण लंच नहीं कर रही तो वह समय नमाज में एडजस्ट हो जाता है. शाम को इफ्तारी के लिए कुछ फ्रूट्स लेकर जाती हूं वही ले लेती हूं और फिर घर आकर खाना खाती हूं. साथ ही बीच-बीच में रोजा के कारण वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन मिल जाता है तो इससे भी थकान कम हो जाती है.
रजिया सुल्ताना (टीचर) : सेंट थॉमस स्कूल में अंग्रेजी की टीचर रजिया सुल्ताना रमजान के महीने में रोजा रख रही हैं. कहती हैं एक नमाज सुबह सवेरे होता है जो स्कूल के लिए निकलने से पहले होता है जो कि घर पर आसानी से हो जाती है. गर्मी के मौसम की वजह से स्कूल अभी 1:45 तक ओवर हो जा रहा है, ऐसे में दूसरी नमाज तक मैं आसानी से घर पहुंच जाती हूं. दूसरी नमाज का समय 1 से 4 बजे तक का होता है. हालांकि इस बीच गर्मी से खुद को बचा कर रखना बड़ा चैलेंज होता है क्योंकि सेहरी के बाद पानी भी नहीं पी सकते. इसके लिए सेहरी में कुछ ऐसे ड्रिंक्स और सेहतमंद आइटम्स शामिल करती हूं जो मुझे काम के दौरान पूरे दिन की एनर्जी दे सके.
अबीदा : गर्वमेंट हाई स्कूल में इंचार्ज प्रिंसिपल के तौर पर काम कर रहीं अबीदा कहती हैं कि फिलहाल गर्मी के मौसम की वजह से स्कूल की टामिंग 7 से 1 बजे तक है. ऐसे में सेहरी के समय सुबह की नमाज कर लेती हूं. और बाकी के नमाज स्कूल से घर आने के बाद हो जाती है. घर आ कर नमाज अदा कर इफ्तार की तैयारी शुरू कर देती हूं हालांकि काफी थकाऊ हो जाता है क्योंकि अभी गर्मी बहुत ज्यादा है. व्हील पावर और डिवोशन है कि यह सब मैनेज हो जाता है. सेहरी में ग्लूकोज, खजूर जैसी चीजें एड करती हूं जो दिनभर मुझे ताकत दे सके.
सनोबर तौफिक (सीनियर मैनेजर, यूनियन बैंक) : रमाजन के इस पाक महीने में हर दिन रोजा रख रहीं सनोबर कहती हैं कि बैंक की टाइमिंग 10:30 से शुरू होती है लेकिन घर आने में देरी होती है. ऐसे में सुबह की सेहरी, नमाज तो हो जाती है. दोपहर के नमाज के लिए समय निकाल कर घर आ जाती हूं क्योंकि मेरा घर बैंक के पास में ही है वहीं शाम को इफ्तारी के लिए कुछ मंगा लेती हूं. दिन भर काम से थकान न हो इसके लिए सेहरी में हेल्दी फूड्स के साथ एनर्जी देने वाले हेल्दी ड्रिंक्स एड करती हूं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.