Loading election data...

Remdesivir Alternative Drugs: रेमेडीसविर दवा का विकल्प मार्केट में है उपलब्ध, जानकारी के अभाव में कोरोना के दूसरे लहर से न गवांए जान, जानें एक्सपर्ट की क्या है राय

Remdesivir Alternative Drugs, Coronavirus Second Wave, Corona Se Bachne Ke Upay: कोरोना के दूसरे लहर से भारत खतरे में है. प्रतिदिन संक्रमितों और मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है. इस बीच लाेग कोरोना से जान बचाने वाली दवा रेमेडीसविर को मान बैठे है, जिसकी मार्केट में भारी कमी हो गयी है. यह एक प्रकार का एंटी-वायरल दवा है जो COVID-19 के खतरे को कुछ मायनों में ही कम कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके विकल्प की अन्य दवाएं मार्केट में उपलब्ध है जो लाइफ सेविंग ड्रग की तरह उपयोग में लायी जा सकती है. आइये जानते हैं उनके बारे में...

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2021 7:50 AM
an image

Remdesivir Alternative Drugs, Coronavirus Second Wave, Corona Se Bachne Ke Upay: कोरोना के दूसरे लहर से भारत खतरे में है. प्रतिदिन संक्रमितों और मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है. इस बीच लाेग कोरोना से जान बचाने वाली दवा रेमेडीसविर को मान बैठे है, जिसकी मार्केट में भारी कमी हो गयी है. यह एक प्रकार का एंटी-वायरल दवा है जो COVID-19 के खतरे को कुछ मायनों में ही कम कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके विकल्प की अन्य दवाएं मार्केट में उपलब्ध है जो लाइफ सेविंग ड्रग की तरह उपयोग में लायी जा सकती है. आइये जानते हैं उनके बारे में…

रेमेडीसविर के बारे में डॉक्टरों का क्या मानना है

कोरोना संक्रमितों के लिए जीवनदायक कही जाने वाली रेमेडीसविर दवा के बारे में डॉक्टरों का कुछ और ही मानना है. विशेषज्ञों के मुताबिक जिन कोरोना मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गयी है. उनके लिए इस दवा के कुछ मायने नहीं है. यह शुरूआती दौर में ही फायदेमंद साबित हो सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ सौम्या स्वामीनाथन की मानें तो इस बात का उनके पास सबूत भी है. दरअसल, रेमेडीसविर दवा को अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को देकर देखा जा चुका है. यह न तो मृत्यु दर को कम करने में कामयाब रहा और न ही जल्दी अस्पताल से छुट्टी दिलाने में मददगार है.

Also Read: Corona Se Bachne Ke Upay: फेफड़ों के लिए सैनिटाइजर का काम करता है भाप, कोरोना से Lungs को बचाने के लिए दिन में कितनी बार लें, वैज्ञानिकों ने क्या किया खुलासा
रेमेडीसविर दवा का क्या है विकल्प
फैबीफ्लू (FabiFlu)

DGCI द्वारा अप्रूव फैबीफ्लू नामक दवा रेमेडीसविर का विकल्प हो सकता है. यह कोरोना से ठीक उसी तरह बचाव करता है जैसे रेमेडीसविर. एक दिन में दो बार खुराक लेनी चाहिए. पहले दिन एक खुराक 1,800 मिलीग्राम की लेनी चाहिए. जबकि, बाकी 13 दिन तक 800 मिलीग्राम की खुराक ही लेनी चाहिए. मार्केट में इसके एक पत्ते की कीमत 1,102 रूपये है. वहीं, एक टैबलेट की कीमत 103 रुपये पड़ती है.

Tocilizumab इंजेक्शन

कोविड-19 से बचाव के लिए Tocilizumab नामक इंजेक्शन को भी रेमेडीसविर का विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, इसका उपयोग तब करना चाहिए जब मरीज को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस इंजेक्शन की कीमत मार्केट में 32,480 रुपये है. इसकी खुराक 800 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए.

अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट प्रसाद राजहंस का मानना है कि “ऑक्सीजन थेरेपी, विटामिन, स्टेरॉयड और बल्ड थीनर जैसी ट्रीटमेंट से भी अस्पताल में भर्ती गंभीर संक्रमित मरीज की स्थिति में सुधार हो सकता है. अत: रीमेडिसविर की कमी से घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

संक्रामक रोग विशेषज्ञ, परीक्षित प्रयाग की मानें तो रेमेडिसविर कुछ ही प्रकार के रोगियों को ही स्वस्थ कर सकता है. इनमें ऐसे मरीज शामिल हैं जिन्हें हाई फीवर के बाद सांस लेने में शुरूआती समस्याएं आ रही हो.

नोट: उपरोक्त दी जानकारी केवल जानकारी के लिए है. इसे इस्तेमाल करने या छोड़ने से पहले अपने आसपास के डॉक्टर से जरूर परामर्श ले लें.

Posted By: Sumit Kumar Verma

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Exit mobile version