सिगरेट पीने वालों में कोरोना के गंभीर परिणाम, मौत का जोखिम 50 फीसदी तक ज्यादा
नयी दिल्ली : 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि तंबाकू (Tobaco) का किसी भी रूप में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. पिछले एक साल से भारत कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus) की मार झेल रहा है. कोरोनावायरस सीधा फेफड़ों पर असर करता है और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए मौत का कारण तक बन जाता है. ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कोरोना काल में तंबाकू छोड़ देना ही बेहतर होगा.
नयी दिल्ली : 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि तंबाकू (Tobaco) का किसी भी रूप में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. पिछले एक साल से भारत कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus) की मार झेल रहा है. कोरोनावायरस सीधा फेफड़ों पर असर करता है और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए मौत का कारण तक बन जाता है. ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कोरोना काल में तंबाकू छोड़ देना ही बेहतर होगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण के घातक परिणाम सामने आ सकते हैं. आम लोगों की तुलना में तंबाकू का सेवन करने वालों में मौत का खतरा 50 प्रतिशत तक अधिक होता है. सिगरेट सीधा हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में कोई सिगरेट पीने वाला शख्स यदि कोरोना की चपेट में आ जाए तो उसमें ज्यादा गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने दो दिनों पहले कहा था कि सिगरेट पीने वालों में कोरोना की गंभीरता और इससे मौत होने का जोखिम 50 फीसदी तक ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ देने में ही भलाई है. उन्होंने कहा था कि धूम्रपान के कारण सांस की बीमारियां, दिल की बीमारियां और कैंसर का जोखिम हमेशा से रहता है.
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कोविड संक्रमण से उबरने का बाद भी न करें यह काम
डॉक्टर्स कहते हैं कि धूम्रपान करने वालों के फेफड़े जाहिर तौर पर कमजोर हो जाते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी उन्हें निमानिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है. ऐसी स्थिति में अगर कोई संक्रमण के ठीक होने के बाद भी लगातार धूम्रपान करता है तो उसके फेफड़ों पर कई गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. हमें यह समझना होगा कि संक्रमण के इस दौर में हमारे फेफड़े जितने स्वस्थ होंगे, हमारे लिए अच्छा होगा.
कैसे छोड़ सकते हैं धूम्रपान
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में असिस्टेंट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ साइकेट्री डॉ सोनाक्षी का कहना है कि किसी भी लत को छोड़ने के लिए हमें सबसे पहले दिमागी रूप से तैयार होना होगा. अपनी इच्छाशक्ति से ही किसी भी लत से छुटकारा पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आप सिगरेट पीने के आदि हैं तो एक समय में एक ही सिगरेट खरीदें. उसे आधी पीकर आधी फेंक दें. इसे छोड़ने का एक दिन निश्चित करें. फिर इसे धीरे-धीरे कम करें. एक दिन में एक, फिर दो से तीन दिनों में एक और फिर अंत में छोड़ने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि च्यूइंग-गम चबाना भी तम्बाकू छोड़ने में काफी मददगार साबित हो सकता है.
Posted By: Amlesh Nandan.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.