Snoring Control Yoga Asanas: खर्राटे नींद में खलल डालते हैं, चाहे वह आपके कारण हो या आपके बगल में सोए हुए किसी व्यक्ति के कारण, जिससे आप थके हुए महसूस करते हैं. तनाव, मोटापा, धूम्रपान, साइनस की समस्या, अनलेल्दी डाइट, टॉन्सिल और उम्र बढ़ने जैसे कई कारण खर्राटों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. यह नींद की कमी का कारण बनता है, जो आगे चल कर गले में खराश, हृदय रोग के जोखिम और व्यक्ति में एकाग्रता की कमी का कारण बनता है.
मलाइका अरोड़ा के फिटनेस ट्रेनर सर्वेश शशि ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने खर्राटों से होने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की है. उन्होंने बताया है कि, खर्राटे तब होते हैं जब आपके खतरे में हवा का प्रवाह Restricted हो जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि खर्राटे न केवल आपकी नींद बल्कि आपके बगल में सो रहे व्यक्ति की सेहत को भी खराब कर सकते हैं.
इस पोस्ट को कैप्शन देते हुए उन्होंने लिखा, खर्राटे न केवल आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं बल्कि आपके बेड पार्टनर को भी प्रभावित कर सकते हैं. यदि आप खर्राटों का सामना कर रहे हैं तो अपनी सांस लेने की क्वालिटी पर काम करें और इन आसान प्रैक्टिस के साथ अपने खर्राटों को कंट्रोल करें.
खर्राटों को कंट्रोल करने के लिए, सर्वेश ने तीन सरल योग, प्रभावी प्राणायाम और आसन शेयर किए हैं जो आपको बेहद आसानी से सांस लेने और आपके लाइफ स्टाइल को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं.
धनुरासन (Bow Pose): इस आसन को करने के लिए अपने पेट के बल लेटने की जरूरत होती है, जिसमें पैर कूल्हे-चौड़ाई से अलग होते हैं और बाहें बगल में होती हैं. घुटनों को मोड़कर हाथों को पीछे की ओर ले जाकर टखनों को पकड़ें. सांस अंदर लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं और अपने पैरों को ऊपर और पीछे खींच लें. अपनी श्वास पर ध्यान देते हुए व्यक्ति को स्थिर मुद्रा बनाए रखनी चाहिए. धनुष की तरह घुमावदार और तने हुए शरीर के साथ. गहरी सांसें लें. 15-20 सेकेंड सांस छोड़ने के बाद पैर और छाती जमीन पर वापस आ जाते हैं.
भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन घुटने टेककर और पीछे झुक कर किया जाता है ताकि कूल्हे एड़ियों पर टिके रहें. हथेलियों को घुटनों के बीच में ऊपर की ओर रखते हुए उंगलियों को फैलाकर रखें. अपने सिर को पीछे की ओर झुकाते हुए आगे की ओर झुकें और अपनी नाक से बड़ी, धीमी सांसें लें. कुछ सेकंड के लिए सांस लें, फिर जोर से सांस छोड़ने से पहले अपना मुंह खोलें और अपनी जीभ बाहर निकालें.
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भ्रामरी प्राणायाम (Humming Bee Pranayama): इस आसन में कानों को अंगूठे से बंद किया जाता है जबकि तर्जनी को माथे पर रखा जाता है और अन्य तीन अंगुलियों को नाक के आधार पर रखा जाता है, धीरे से आंखों को छूयें. गहरी सांस लें और कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस को रोक कर रखें, इससे पहले नाक के छिद्रों से मधुमक्खी की तरह भनभनाहट/भनभनाहट की आवाज के साथ बलपूर्वक सांस छोड़ें. यह सांस लेना/छोड़ना फेफड़ों से जितना संभव हो उतना कम उदर गति के साथ किया जाना चाहिए. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, यह 10-12 दोहराव से शुरू करें और धीरे-धीरे 25-30 दोहराव तक बढ़ायें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.