Social Media: इंसान के जीवन पर हावी हो रहा सोशल मीडिया, चुपके से कर रहा बीमार
Social Media: सोशल मीडिया इंसानी दिमाग पर इस कदर हावी हो चुका है कि लोग असल जिंदगी को सोशल मीडिया में तलाशने लगे हैं.
Social Media: सोशल मीडिया आज लोगों के जीवन शैली का अभिन्न अंग बन चुका है. व्यस्तता भरे दिनचर्या में भी लोग सोशल मीडिया के लिए समय निकाल ही लेते हैं. समय के अभाव के बावजूद भी लोगों में भारी तादाद में सोशल मीडिया की तलब देखी जा रही है. आज छोटे से लेकर के बुजुर्ग तक सबके हाथ में मोबाइल है. अमूमन हर इंसान सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है. सोशल मीडिया इंसानी दिमाग पर इस कदर हावी हो चुका है कि लोग असल जिंदगी को सोशल मीडिया में तलाशने लगे हैं.
Kepios के एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के करीब 520 करोड़ लोग सोशल मीडिया का नियमित तौर पर इस्तेमाल करते हैं. वहीं भारत में हर तीसरा इंसान सोशल मीडिया पर एक्टिव है. इस रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन सोशल मीडिया पर लोग औसतन 2 घंटे 26 मिनट का समय बिताते हैं.
सोशल मीडिया के इस हद तक इस्तेमाल से लोग गंभीर स्वास्थ्य परिणाम और समस्याओं घिर रहे हैं. आइए जानते हैं कि सोशल मीडिया कैसे इंसानी जीवन को नुकसान पहुंचा रहा है.
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डिप्रेशन और तनाव का कारण सोशल मीडिया
कई शोध में यह बताया गया है की जरूरत से ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल डिप्रेशन और तनाव का कारण बन सकता है. आजकल लोग बाहरी दुनिया को सोशल मीडिया में तलाशने लगे हैं. जिसके परिणामस्वरूप अपने प्रोफेशनल काम के बाद लोगों का अधिकतर समय सोशल मीडिया पर जा रहा है. सोशल मीडिया के कारण लोग अपने असल जिंदगी के रिश्तों को नजरअंदाज करने लगते हैं. इस तरह से लोग अपने दोस्तों और अन्य परिजनों से दूर होते जाते हैं. इसके कारण कठिन समय में किसी का साथ नही मिलता जो डिप्रेशन का कारण बनता है. सोशल मीडिया की वजह से लोग खुद से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें करने लगे हैं जो नहीं मिलने पर तनाव और डिप्रेशन की समस्या उत्पन्न होती है.
नींद की समस्या
आजकल देखा जा रहा है की लोग देर रात तक सोशल मीडिया पर समय बिता रहे हैं. सोशल मीडिया के लुभावने कंटेंट में फंसकर लोग अपनी स्वस्थ दिनचर्या को बिगाड़ लेते हैं. गड़बड़ दिनचर्या का प्रभाव लोगों के प्रोफेशनल वर्क पर पड़ रहा है. नींद की कमी से चिड़चिड़ापन, तनाव, ब्लड प्रेशर और अन्य कई गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है.
मोटापा में वृद्धि
सोशल मीडिया की जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से लोग मानसिक तौर पर थक जाते हैं. सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से लोग समय पर ना सो पाते हैं और नहीं उठ पाते हैं. आजकल क्रिकेट, कबड्डी, फुटबॉल, हॉकी जैसे गेम भी लोग मोबाइल में ही खेल लेते हैं. इस तरह से सोशल मीडिया ने लोगों के जीवन में निष्क्रियता और आलस की वृद्धि की है. आलस की वजह से एक्स्ट्रा फैट शरीर में जमा होने लगता है जो मोटापा का कारण बनता है.
साइबर जोखिम का डर
लोग आजकल सोशल मीडिया पर आसानी से अपना व्यक्तिगत डाटा शेयर कर देते हैं किसी का भी फोटो, फैमिली फोटो, घर के फोटो और यहां तक की अपने प्रोफेशन से लेकर लाइव लोकेशन तक सोशल मीडिया पर अपडेट करके रखते हैं. इसकी वजह से प्राइवेसी संबंधी खतरा पैदा होने का डर बना रहता है.
इम्पोस्टर सिंड्रोम
सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल एक अजीबोगरीब और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है इस बीमारी का नाम है इम्पोस्टर सिंड्रोम. अगर आपको भी अपने कार्य क्षमता और अपनी योग्यता पर संदेह होना शुरू हो चुका है तो सावधान हो जाए क्योंकि यह इम्पोस्टर सिंड्रोम हो सकता है. इम्पोस्टर सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को खुद पर भरोसा नहीं रह जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो व्यक्ति खुद को कम आंकने लगता है. इनपुट– रिशू कुमार उपाध्याय.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.