गर्भवती होने से पहले जब आपको कभी सर्दी-जुकाम होता था तो आप तुरंत दवाएं ले लिया करते होंगे, लेकिन अब जब आप प्रेग्नेंट हैं ये एक परेशानी का सबह बन सकता है. प्रेंग्नेंसी के दौरान सर्दी-जुकाम होने पर महिलाएं असमंजस में पड़ जाती है कि आखिर वो इस समस्या से छुटकारा कैसे पाएं. दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान सर्दी-जुकाम न केवल मां को होता हैं बल्कि इसका असर अजन्में शिशु पर भी होता है. ऐसे में यहां बड़ा सवाल ये आ जाता है कि आखिर गर्भवती महिलाएं इस समस्या के निदान के लिए क्या करें.
गर्भावस्था के दौरान सर्दी या फ्लू का इलाज करना तनावपूर्ण अनुभव नहीं है, और आप गर्भवती होने पर कई दवाएं ले सकती हैं. जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भ्रूण को अस्वीकार करने से रोकने के लिए कमजोर हो जाती है, लेकिन यह आपको वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है.
गर्भावस्था के दौरान सर्दी आपको उदास कर सकती है. ऐसे में यहां कुछ टिप्स हैं जिनका पालन करके आप आरामदायक महसूस कर सकते हैं और स्थिति को सहनीय बना सकते हैं. यहां कुछ प्रभावी घरेलू उपचार के बारे में बताया गया है जो गर्भावस्था के दौरान सर्दी के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है.
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हल्दी सबसे आम सामग्रियों में से एक है जो हर भारतीय घर में पाई जा सकती है. यह एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा के लिए जाना जाता है. गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीना एक सदियों पुराना उपाय है. यह सर्दी और खांसी से लड़ने में बहुत प्रभावी हो सकता है, खासकर गर्भावस्था के दौरान. गर्म दूध गले की खराश और बहती नाक से तुरंत राहत देता है. जल्दी राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाएं सोने से ठीक पहले इसे पी सकती हैं.
नाक बहने और टपकने की समस्या से राहत पाने के लिए एक चम्मच शहद, अदरक का रस मिलाएं. यह श्वसन पथ से (बलगम) को बाहर निकालने में मदद करता है. शहद में विभिन्न प्रकार के जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते है. अदरक के रस में उपचारात्मक गुण होते हैं जो खांसी या गले की खराश से राहत दिलाते हैं.
सर्दी से पीड़ित गर्भवती महिलाएं अलसी के बीजों को गाढ़ा होने तक उबालें और मिश्रण को छान लें. इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें और शहद मिलाएं. सर्दी और खांसी से राहत के लिए गर्भवती माताएं इस मिश्रण का सेवन कर सकती हैं. अलसी के बीज एक और प्रभावी उपाय है जो सामान्य सर्दी को ठीक कर सकता है.
होने वाली मां के लिए तुलसी सबसे सुरक्षित विकल्प है. एक गिलास गर्म पानी में तुलसी का अर्क मिलाकर पीने से गर्भवती महिलाओं को बलगम से जल्दी छुटकारा मिलता है. इससे नाक के कंजेशन से छुटकारा पाने में मदद मिलती है ताकि वे बिना किसी समस्या के सांस ले सकें.
गर्भावस्था के दौरान डाइट बहुत महत्वपूर्ण होता है. अपनी इम्यूनिटी को बनाए रखने के लिए, खाते रहें. चमकीले रंग वाली सब्जियां जैसे टमाटर, मिर्च, पालक और ताजे फल खाएं क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत अधिक होती है. फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉइड्स, विटामिन और खनिज जैसे एंटीऑक्सिडेंट ऐसे यौगिक हैं जो संक्रमण से लड़कर प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं.
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जब आपको सर्दी होती है तो आपकी नाक बहने और पसीने के माध्यम से बहुत सारा पानी निकल जाता है. खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ढेर सारा पानी पीएं. पानी पीने से बलगम जमा होने से बाहर निकलने में मदद मिलती है. गर्भवती महिलाएं आमतौर पर 10 गिलास पानी पीती हैं, लेकिन अगर उन्हें सर्दी हो रही है तो उन्हें 12 से 13 गिलास पानी पीना चाहिए.
यह थेरेपी गर्भवती महिलाओं के लिए खांसी और सर्दी का प्रभावी ढंग से इलाज करती है. एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाएं. गर्भावस्था के दौरान गले की खराश से राहत पाने के लिए अगर आप किसी एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से बचें तो बेहतर होगा. बेहतर परिणाम पाने के लिए आप खारे पानी में हल्दी भी मिला सकते हैं. नमक के पानी से गरारा करने से ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण से बचाव होता है. यह कफ को कम करने और ढीला करने में मदद करता है, जो बैक्टीरिया और एलर्जी को पनपता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.