राजस्थान में गर्मी बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को गर्मी और लू जनित बीमारियों से बचाने की तैयारी शुरू कर दी है और विभागीय अधिकारियों से कार्य योजना बनाने को कहा गया है. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में लू और गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए ‘ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम’ (श्रेणीबद्ध कार्रवाई प्रणाली)लागू किया जाएगा. साथ ही, राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर ‘हीट एक्शन प्लान’ बनाकर आमजन को लू एवं गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. इसके तहत राज्य के रेगिस्तानी जिलों, जहां तापमान अधिक रहता है एवं लू अधिक चलती है, वहां विशेष प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने शनिवार को लू एवं गर्मी जनित बीमारियों से बचाव, उपचार एवं जागरूकता गतिविधियों को लेकर राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में निर्देश दिए.
आधिकारिक बयान के अनुसार इसमें शुभ्रासिंह ने कहा कि गर्मी बढ़ने पर अगले दो से तीन माह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, ऐसे में विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि गर्मी एवं लू का स्तर बढ़ने पर चेतावनी यलो, ओरेंज एवं रेड अलर्ट के अनुसार श्रेणीबद्ध प्रणाली तैयार कर आवश्यक कदम उठाए जाएं.
उन्होंने कहा कि आमजन को लू एवं गर्मी जनित बीमारियों की स्थिति में तत्काल उपचार एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ‘ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल’ तैयार किया जाए. एम्बुलेंस की क्रियाशीलता की जांच करने के साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए किट्स तैयार करवाई जाएं. अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए जाएं. दवाओं एवं जांच किट्स की पर्याप्त उपलब्धता रहे. चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित निचले स्तर तक आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए.
अधिकारी ने कहा कि लू एवं तेज गर्मी की स्थिति में आमजन को बीमारियों से बचाने के लिए श्रम विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, स्थानीय निकाय विभाग, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों के साथ समन्वय रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए. सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर कार्ययोजना को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.