Mumps Ayurvedic Remedies: गलसुआ के शुरुआती लक्षण, चाहिए छुटकारा तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

Mumps Ayurvedic Remedies: गलसुआ के लिए आयुर्वेद में कई सारे उपाय बताएं गए हैं. आज हम इस लेख में उन उपायों के बारे में जानेंगें साथ ही गललुआ का लक्षण भी जानेंगे...

By Shweta Pandey | May 7, 2024 4:34 PM

Mumps Ayurvedic Remedies: गलसुआ जिसे आम शब्दों में मम्प्स कहा जाता है यह एक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस के कारण लोगों के बीच फैलता है. गलसुआ रोग पीड़ित व्यक्ति की छींक, मुंह या नाक से निकलने वाले स्त्राव के कारण दूसरे व्यक्ति में फलता है.  आमतौर पर यह रोग 5 से लेकर 15 वर्ष की उम्र के बच्चों में ही पाया जाता है.  चलिए जानते हैं गलसुआ का आयुर्वेदिक उपचार, लक्षण आदि के बारे में..

गलसुआ क्या है?

गलसुआ को अंग्रेजी में Mumps और कण्ठमाला कहा जाता है. यह एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है. जो प्रमुख रूप से लार ग्रांथियां यानी की पैरोटिड ग्रंथियों को ही प्रभावित करता है. पैरोटिड ग्रंथियां हमारे मुंह में लार बनाती हैं. इन ग्रंथियों के तीन समूह हैं जो मुंह के तीनों ओर होते हैं. यह कानों के पीछे और नीचे स्थित होते हैं. जहां पर गलसुआ अटैक करता है. जिसके कारण गाल, जबड़े और कान के पास सूजन होने लगता है और उस एरिया में दर्द बना रहता है.

गलसुआ का लक्षण

गलसुआ का शुरुआती लक्षण साफ नजर नहीं आता है. लेकिन गलसुआ के संपर्क में आने के करीब 20 दिन बाद इसका लक्षण दिखना शुरू हो जाता है. जिन लोगों में गलसुआ होता है उन्हें शुरुआत में ते बुखार, सिर में दर्द, भूख न लगना, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, चबाने और निगलने में दर्द होना और साथ ही गालों में सूजन होने लगता है.

गलसुआ का आयुर्वेदिक उपचार

नीम की पत्तियां हैं फायदेमंद

आयुर्वेद के अनुसार नीम की पत्तियों का उपयोग सबसे अधिक जड़ी-बूटी में किया जाता है. यह न सिर्फ हमारी स्किन के लिए फायदेमंद है, बल्कि हमे कई सारी बीमारियों से भी बचाता है. गलसुआ का आयुर्वेदिक तरीके से ठीक करना है तो नीम की पत्तियां काफी लाभकारी हो सकती हैं. इसकी पत्तियों को पीस लें और उसमें एक चुटकी हल्दी और पानी मिलाकर गलसुआ वाली जगह पर लगाएं. इससे आपको काफी राहत मिलेगी.

Also Read: ये हैं लू से बचने का आयुर्वेदिक उपचार

Also Read: मलेरिया बुखार को इन आयुर्वेदिक उपाय से करें दूर

हरिद्रा का पेस्ट लगाएं

आयुर्वेद में हरिद्रा का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है, जो गलसुआ के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. आप चाहे तो हरिद्रा का पाउडर में शहद और घी मिलकार गलसुआ वाली जगह पर लगाएं. इससे आपको काफी राहत मिलेगी. फिलहाल आपको बताते चलें कि गलसुआ को आयुर्वेदिक तरीके से ठीक करना है तो बर्फ से सिकाई कर सकते हैं साथ ही मार्गोसा की पत्तियां का पेस्ट बनाकर भी उस जगह पर लगा सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में बताए गए टिप्स, तरीकों की प्रभात खबर पुष्टि नहीं करता है. इसे केवल एक सुझाव की तरह ले सकते हैं. कोई भी उपचार लेने से पहले डॉक्टर्स से संपर्क करें…

Next Article

Exit mobile version