बरसात के मौसम में सर्दी, खांसी और फ्लू समेत वायरल बुखार का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और जीका वायरस जैसी बीमारियां भी दस्तक देती हैं.
वायरल फीवर होने पर गले में दर्द, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना, माथे का बहुत तेज गर्म होना, खांसी, थकान, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं
वायरल फीवर से बचने के लिए डॉक्टर आमतौर पर अदरक की चाय या फिर तुलसी के पत्ते के साथ काली मिर्च और लौंग का काढ़ा पीने की सलाह देते हैं. इसके साथ ही गिलोय का भी इस्तेमाल किए जाने की सलाह दी जाती है.
सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर और अदरक में होते है फीवर को ठीक करने वाले गुण. इसलिए एक चम्मच काली मिर्च के चूर्ण में एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच सौंठ का चूर्ण और थोड़ी सी चीनी मिलाएं. अब इसे एक कप पानी में डालकर गर्म करें, फिर ठंडा करके पिएं. इससे वायरल फीवर खत्म होने में मदद मिलेगी.
नींबू का रस और शहद भी वायरल फीवर के असर को कम करते हैं. आप शहद और नींबू का रस का सेवन भी कर सकते हैं
धनिये में कई औषधीय गुण होते हैं. इसकी चाय बनाकर पीने से भी वायरल में जल्द आराम मिलता है.
अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों को जरूर शामिल करें. इसके लिए नींबू, संतरे, ब्रोकली, अनार, अंगूर इन चीजों का सेवन कर सकते हैं.