कम उम्र से ही रखिए हड्डियों का ख्याल, जानिए बोन स्ट्रेंथ कम होने के कारण और बचाव

Health Care : हड्डियों का बिना वजह टूटना या हल्की चोट और ठेस लगने पर भी उसका चटक जाना हड्डियों के कमजोर होने के लक्षण हैं. इसे ऑस्टियोपोरोसिस( Osteoporosis ) कहा जाता है. इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी कम हो जाती है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि कम उम्र से ही हड्डियों की सेहत का खास ख्याल रखा जाए.

By Prabhat Khabar News Desk | October 18, 2023 1:53 PM
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हमारे शरीर की हड्डियां कई मिनरल्स से बनी होती हैं.इनमें से सबसे मुख्य अवयव है कैल्शियम. इसके अलावा हमारी हड्डियों में पॉस्फोरस, सिलिकन, जिंक, प्रोटीन आदि मौजूद होते हैं.

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हमारी हड्डियों में करीब 10-20 प्रतिशत तक पानी भी मौजूद होता है. इसका मतलब हड्डियों के निर्माण में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमारी हड्डियां 60 से 70 प्रतिशत तक कैल्शियम और फॉस्फोरस से बनी होती हैं.

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हड्डियों की स्ट्रेंथ कम होने के कारण: हड्डियों में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स की कमी हो जाना ऑस्टियोपोरोसिस कहलाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं. वैसे तो ऑस्टियोपोरोसिस 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन अब यह पुरुषों के साथ-साथ कम उम्र के लोगों को भी होने लगा है. इन दिनों विटामिन डी की कमी, शरीर में धूप का न लगना, शराब का सेवन और धूम्रपान के कारण युवा भी ऑस्टियोपोरोसिस की चपेट में आ रहे हैं.

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महिलाओं में मेनोपॉज के बाद होने वाले हॉर्माेनल बदलाव भी ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ा देते हैं. दूसरे कारणों में हॉर्माेनल असंतुलन, सबसे अहम है. स्टेरॉयड और कुछ अन्य दवाएं बोन मिनरल डेंसिटी को कम कर सकती हैं.

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कैसे जानें कि हड्डियां हो रहीं कमजोर: बार-बार पीठ या कमर में दर्द हो या आपके पोस्चर में बदलाव दिखे तो सतर्क हो जाना चाहिए. यह ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण हो सकते हैं.

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हड्डियों का स्वास्थ्य जानने के लिए आपको बोन मिनरल डेंसिटी की जांच करानी होती है, जिसे डीएक्सए टेस्ट भी कहा जाता है. यह एक तरह का एक्स-रे है, जिसमें दर्द नहीं होता. यह आपकी हड्डियों की मजबूती को चेक करता है. इसके अलावा डॉक्टर स्पाइन फ्रैक्चर में उपयोग की जानेवाली एक्स-रे और एमआरआइ जांच भी करते हैं.

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इन बातों का किशोरावस्था से ही रखें ध्यान: बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें. डॉक्टर से पूरा चेकअप कराने के बाद ही उनके द्वारा बताये गये डोज के हिसाब से ही दवा लें.

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फिजिकल एक्टिविटी के अभाव से भी हड्डियों की सेहत बुरी तरह प्रभावित होती है. ऐसे में हर दिन व्यायाम करना अनिवार्य है.

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कुछ व्यायाम, जैसे- टहलना, दौड़ना और नाचना आपकी हड्डियों की मजबूती के लिए अच्छा है. इसे किशोरावस्था से ही अपनी जीवनशैली में शामिल करें.

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अपने आहार में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट नियमित रूप से लें. धूम्रपान और शराब छोड़ें.हर रोज कम-से-कम 15 से 20 मिनट सुबह की धूप में जरूर बैठें.

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यदि बार-बार आपको कमर का दर्द हो, जांघ के आस-पास दर्द हो, टांगों में दर्द हो या फिर अक्सर क्रैंप्स आते हों, तो आपको बोन मिनरल डेंसिटी की जांच जरूर करानी चाहिए.

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