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ठंड के मौसम में बढ़े सर्दी-खांसी, पेट दर्द, उल्टी व अस्थमा के मरीज, विशेषज्ञों ने दी ये चेतावनी

कड़ाके की ठंड में बच्चों को जुकाम होना आम बात है. इसे नजर अंदाज न करें. वरना निमोनिया भी हो सकता है. इसके लिए अभिभावकों को जागरूक और सचेत रहने की आवश्यकता है. ताकि बच्चे ठंड की चपेट में आ आये. नवजात से पांच वर्ष तक के बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

ठंड का मौसम आते ही दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल व निजी क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. करीब सात दिनों से सर्दी-खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, पेट-दर्द, उल्टी के अलावा अस्थमा के मरीज इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. निजी अस्पताल व क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. मौसम के बदलते ही चाइल्ड और मेडिसिन ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसमें अधिकांश मरीज सर्दी-खांसी और बुखार के हैं. सांस लेने और हृदय रोग से पीड़ित मरीज भी इलाज कराने पहुंच रहे हैं. पांच मरीजों को आइसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है, जिनका इलाज चल रहा है. मेडिसिन, आइसीयू और कैजुअल्टी वार्ड में गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज करने की सुविधा उपलब्ध है. यहां आवश्यक दवा, स्लाइन के अलावा ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है. आइसीयू और कैजुअल्टी वार्ड में गंभीर मरीजों के शारीरिक गतिविधियों पर नजर बनाये रखने के लिए हर बेड पर मॉनिटर की सुविधा उपलब्ध है. गंभीर मरीजों की जांच के लिए तीनों वार्ड में एबीजी मशीन (आर्टिरीअल ब्लड गैस एनालाइसिस) की सुविधा उपलब्ध हैं. इससे चंद मिनट में ब्लड में कार्बनडॉक्साइड, ऑक्सीजन, आरबीएस, हीमोग्लोबिन, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम आदि की जांच की सुविधा है. आइसीयू वार्ड में कॉर्डियोलॉजिस्ट की सुविधा नहीं रहने के कारण गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया जाता है. आर्थिक रूप से लाचार मरीजों को काफी परेशानी होती है.

ठंड से बुजुर्ग लोगों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है. अत्यधिक ठंड के कारण ब्लड प्रेसर, शुगर व हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को सावधान रहने की आवश्यकता है. रक्तचाप बढ़ने से हृदयघात और ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बनी रहती है. इसलिए बदलते मौसम में बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है. सुबह को घर से बाहर अचानक न निकलें. आवश्यकता हो तो गर्म कपड़े पहन कर ही घर से बाहर निकलें. बीपी या शुगर की दवा लेने वाले मरीज नियमित दवा का सेवन करें.

डॉ अनुकरण पूर्ति, एचओडी, मेडिसिन

डॉक्टर की सलाह

  • इस मौसम में सुबह-शाम गर्म कपड़ा पहनें.

  • गर्म पानी व भोजन का सेवन करें.

  • बच्चों को खासतौर पर ठंड से बचाएं.

  • साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें.

  • शाम के बाद बच्चे को अनावश्यक घर से न निकलने दें.

  • ब्लड प्रेशर और शुगर की दवा का सेवन नियमित करें.

  • ठंड में अचानक घर से बाहर न निकलें.

  • मॉर्निंग वॉक करने वाले सूर्योदय के बाद ही घर से निकलें.

  • किसी प्रकार की परेशानी हुई, तो डॉक्टर की सलाह लें.

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कड़ाके की ठंड में बच्चों को जुकाम होना आम बात है. इसे नजर अंदाज न करें. वरना निमोनिया भी हो सकता है. इसके लिए अभिभावकों को जागरूक और सचेत रहने की आवश्यकता है. ताकि बच्चे ठंड की चपेट में आ आये. नवजात से पांच वर्ष तक के बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. बच्चों को सुबह-शाम गर्म कपड़े से ढक कर रखें. ठंडा भोजन और ठंडा पानी के सेवन से बचें. स्कूल जाने वाले बच्चों को गर्म कपड़ा और टोपी पहना कर ही भेजें. आइसक्रिम, कोल्ड ड्रिंक्स से बच्चों को दूर रखें.परेशानी हुई तो चिकित्सक की सलाह लें.

डॉ संजय दास, शिशु रोग विशेषज्ञ, पीजेएमसीएच

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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