कोरोना से जंग:मानसिक तनाव व अवसाद से खुद को रखें दूर

कोरोना के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस संक्रमण के प्रसार में कमी लाने के उद्देश्य से देशभर में लॉकडाउन भी किया गया. 21 दिनों का यह लंबा लॉकडाउन कल खत्म होने वाला है.

By Shaurya Punj | April 14, 2020 12:43 AM

कोरोना से जंग:मानसिक तनाव व अवसाद से खुद को रखें दूर – समाचार चैनल को अधिक देखने से तनाव की स्थिति – घर में कैद होने के कारण अवसाद में बढ़ोतरी – एम्स के चिकित्सकों ने तनाव से दूर रहने के बताये उपाय हाजीपुर. कोरोना के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस संक्रमण के प्रसार में कमी लाने के उद्देश्य से देशभर में लॉकडाउन भी किया गया. 21 दिनों का यह लंबा लॉकडाउन कल खत्म होने वाला है. लेकिन यह तय सा दिख रहा है कि 21 दिनों के इस लंबे लॉकडाउन की अवधि के बाद भी इसे आगे बढाया जायेगा. लोग इस लॉकडाउन में घर में बैठ कर लगातार कोरोना की खबरें देख एवं सुन रहे हैं, जिसके कारण लोगों में तनाव की स्थिति पैदा हो रही है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कोरोना काल में लोगों में बढ़ रही मानसिक तनाव एवं अवसाद को लेकर एम्स दिल्ली के चिकित्सकों द्वारा बनाई गयी वीडियो को साझा किया है. इस वीडियो के माध्यम से मानसिक तनाव एवं अवसाद से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी गयी है.

लॉकडाउन एवं समाचार चैनल मानसिक तनाव बढ़ाने में सहयोगी एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने वीडियो के माध्यम से बताया कोरोना के बढ़ते मामलों की जानकारी टेलीविजन पर निरंतर दिखाई जा रही है. समाचार चैनल संक्रमण से जुड़ी हर छोटी चीज के विषय में जानकारी दे रही है. संक्रमण के बढ़ते मामलों के बारे में जान कर एवं इसे टेलीविजन के जरिए आंखों से देखने के कारण लोग मानसिक तनाव में आ रहे हैं. साथ ही लॉकडाउन होने के कारण लोग घर से बाहर भी नहीं निकल सकते, जो लोगों में तनाव एवं अवसाद पैदा कर रहा है. लोग अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं. इससे लोगों में तनाव एवं चिंता बढ़ गयी है. इसलिए जरुरी है कि ऐसे दौर में लोग अपना ख्याल रखें.

शारीरिक एवं मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखें. लक्षणों को समझें एवं सतर्क रहें एम्स दिल्ली के मनोविज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कौशिक सिन्हा देब ने विडियो के माध्यम से मानसिक तनाव एवं अवसाद के लक्षण एवं इससे निदान के उपायों के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि तनाव होने के कारण शारीरिक एवं मानसिक दोनों स्तर पर बदलाव देखने को मिलते हैं. तनाव होने के कारण शरीर स्तर पर अधिक पसीना का आना, अत्यधिक थकान का होना, मुँह का बार-बार सूखना एवं साँस लेने में तकलीफ़ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. जबकि तनाव से मानसिक स्तर पर भी बदलाव आते हैं, जिसमें अत्यधिक चिंता एवं ध्यान केन्द्रित करने में समस्या होती है. तनाव एवं अवसाद से निकलें ऐसे बाहर डॉ. देब ने तनाव एवं अवसाद से बचने के कुछ सलाह दिए हैं. जिसका अनुकरण कर आम लोग तनाव एवं अवसाद से सुरक्षित हो सकते हैं. – समाचार चैनल छोड़कर अन्य मनोरंजक चैनल देखें. – घर के अंदर परिवार के सदस्यों के साथ बात-चीत करें. – कुछ अन्य चीजों पर ध्यान लगायें जैसे- गेम खेलें एवं किताब पढें.- योगा, ध्यान एवं शारीरिक व्यायाम करें. – रात में कम से कम 8 से 9 घंटे की नींद लें. – घर के कार्यों में अपना समय दें, खुद को व्यस्त रखें.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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