Weight Loss Myths : वजन घटाना कोई आसान प्रक्रिया नहीं होती है, बल्कि यह एक टाइम कंजूमिंग एक्टिविटी है जो बहुत सारे एफर्ट्स, लगातार प्रयास और सेल्फ कंट्रोल की डिमांड करती है. ऐसे में यह कहना की वेट लॉस एक साधारण प्रक्रिया है और कुछ भी खा लेने से या एक सिंपल सी एक्सरसाइज कर लेने से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, गलत होगा. ऐसे ही कुछ वेट लॉस टिप्स के नाम पर इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहे हैं जिनका कोई क्लीनिकल प्रमाण नहीं है. इसके बारे में इसलिए के माध्यम से हम आपको जागरूक करेंगे.
Weight Loss Myths : क्या हैं 12 सबसे बड़े वेट लॉस मिथ
1.Weight Loss Myths : सभी गैलरी बराबर होती है?
कैलोरी ऊर्जा का माफ होती है कैलोरी में ऊर्जा की मात्रा समान होती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सभी कैलरी स्रोतों का आपका वजन पर एक जैसा प्रभाव पड़ेगा अलग-अलग खाद्य पदार्थ अलग-अलग डाइजेस्टिव रास्तों से गुजरते हैं और भूख तथा आपके शरीर के वजन को नियंत्रित करने वाले हार्मोन पर उनका अलग प्रभाव भी पड़ता है जैसे कि प्रोटीन कैलोरी, वसा या कार्बोहाइड्रेट कैलोरी के सामान नहीं होता.
कार्बोहाइड्रेट और वसा की जगह प्रोटीन का सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है और भूख और खाने की इच्छा कम हो जाती है, कुछ वजन विनियमन हार्मोन के कार्य को अनुकूल करने के दौरान. संतुलित आहार और फलों जैसे पदार्थों से प्राप्त कैलोरी, कैंडी जैसे परिष्कृत खाद्य पदार्थों से प्राप्त कैलोरी की तुलना में अधिक तृप्त करने वाली होती है.
2.Weight Loss Myths : वजन कम करना एक सीधी प्रक्रिया है?
वजन कम करना एक सीधी प्रक्रिया बिल्कुल नहीं है बहुत से लोगों के मन में यह रचा बसा है कि कुछ दिनों या हफ्तों की मशक्कत से आप वजन को कम कर सकते हैं. हां यह है कि कुछ दिनों या हफ्तों में आपका वजन बढ़ सकता है, लेकिन घटाना काफी मुश्किल होता है. अगर आपका वजन में थोड़ा बहुत फ्लकचुएशन हो रहा है तो यह एक साधारण बात है. लेकिन अगर आप लंबे समय से वजन से परेशान है और आपकी सिद्धि चर्बी नहीं घट रही है तो आपको वजन घटाने के लिए समय और मेहनत करनी पड़ेगी.
3.Weight Loss Myths : सप्लीमेंट से वजन कम करने में मिलती है मदद?
वजन घटाने के लिए बहुत सारे सप्लीमेंट्स बाजार में उपलब्ध है जो यह विश्वास भी दिलाते हैं कि उनका इस्तेमाल करने से आपका वजन कम हो जाएगा. बहुत सी कंपनियां का यह दावा है कि उनके सामान काफी प्रभावित है लेकिन अध्ययन करने पर वह बहुत काम असरकारी पाए जाते हैं, और बहुत अच्छे सप्लीमेंट्स आपको कई महीनो में थोड़ा सा वजन कम करने में मदद कर सकते हैं. इसीलिए सप्लीमेंट कंपनियों के मार्केटिंग रणनीति के झांसे में ना आएं, बल्कि डाइटिशियन या चिकित्सक की सलाह लेना उपयुक्त विकल्प हो सकता है.
4.Weight Loss Myths : मोटापा इच्छा शक्ति से संबंधित है ना के जीव विज्ञान से?
क्या कहना एकदम गलत होगा कि आपका वजन पूरी तरह से आपकी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है क्योंकि मोटापा एक जटिल विकार है और इसके पीछे साइकिल कारण जिम्मेदार होते हैं जैसे हाइपोथायरायडिज्म, PCOS, स्ट्रेस आदि. उदाहरण के लिए लेप्टिन हार्मोन के प्रति प्रतिरोधी होना मोटापे का एक सबसे बड़ा लक्षण होता है.
5.Weight Loss Myths : कम खाने से मिलेगा लाभ?
शरीर में फैट केवल संग्रहित ऊर्जा होता है, फैट को कम करने के लिए आप जितनी कैलोरी लेते हैं उससे ज्यादा कैलरी जलाने की आवश्यकता होती है. इसीलिए यह सलाह तर्कसंगत है की कम खाने अधिक चलने से वजन कम होगा. लेकिन यह सलाह सिद्धांत रूप में काम करती है, यदि आप अपनी जीवन शैली में स्थाई बदलाव करते हैं. यह उन लोगों के लिए नहीं है जिन्हें गंभीर वजन की प्रॉब्लम है. इस सलाह का पालन करने वाले अधिकांश लोग शारीरिक और बायोकेमिकल कारकों के कारण अपना घटाया हुआ वजन दोबारा से प्राप्त कर लेते हैं.
6.Weight Loss Myths : कार्बोहाइड्रेट आपको मोटा करते हैं?
कम कार्ब आहार वजन घटाने में सहायक हो सकता है, यह सचेत कैलोरी प्रतिबंध के बिना भी होता है, जब आप कार्ब का सेवन का मतलब प्रोटीन का सेवन ज्यादा करते हैं तब वजन कम होता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कार्बोहाइड्रेट वजन बढ़ाने का कारण है. मोटापे की महामारी 1980 के आसपास शुरू हुई थी, लेकिन मनुष्य बहुत लंबे समय से कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर रहे हैं. असल में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर संतुलित आहार बहुत स्वस्थ होते हैं. इसके अतिरिक्त रिफांइड कार्ब्स और चीनी जैसे कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं.
7.Weight Loss Myths : फैट आपको मोटा करता है?
फैट प्रति ग्राम लगभग में कॉल कलोरी प्रदान करते हैं जबकि कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन प्रति ग्राम केवल चार कैलोरी फैट में बहुत अधिक कलोरी होती है और जंक फूड में आम बात है, फिर भी जब तक आपकी कलोरी की मात्रा स्वस्थ सीमा के भीतर है फैट आपको मोटा नहीं बनाती है. इसके अतिरिक्त कई अध्ययनों में पाया गया कि वसा में उच्च लेकिन कार्बोहाइड्रेट में कम, आहार से वजन कम होता है. वास्तव में शरीर को ठीक से काम करने के लिए हेल्दी फैट की आवश्यकता होती है.
8.Weight Loss Myths : वजन कम करने के लिए नाश्ता करना जरूरी?
अध्ययनों से पता चलता है कि नाश्ता छोड़ने वालों का वजन नाश्ता करने वालों की तुलना में अधिक होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जो लोग नाश्ता करते हैं उन्हें अन्य स्वस्थ जीवनशैली के आते होने की संभावना अधिक होती है. वास्तव में जब 309 वयस्कों पर 4 महीने तक अध्ययन किया गया तो पाया गया कि नाश्ते की आदतों की तुलना में प्रतिभागियों के नाश्ता करने या ना करने के उनके वजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
9.Weight Loss Myths : फास्ट फूड से बढ़ता है मोटापा?
लोगों की स्वास्थ्य के प्रतिवर्ती जागरूकता के कारण कई फास्ट फूड चेन ने स्वास्थ्य वर्धक विकल्प पेश करने शुरू कर दिए हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी फास्ट फूड स स्वास्थ्य कर नहीं होते हैं. ज्यादातर सस्ते फास्ट फूड रेस्टोरेंट अक्सर अपने मुख्य भोजन के अलावा स्वास्थ्य विकल्प भी देते हैं यह खाद्य पदार्थ हर स्वास्थ्य जागरुक व्यक्ति की मांग को पूरा नहीं कर सकते हैं लेकिन यदि आपके पास स्वस्थ भोजन पकाने के लिए समय ऊर्जा नहीं है तो यह फिर भी एक अच्छा विकल्प है.
10.Weight Loss Myths : वजन घटाने वाले आहार कारगर होते हैं?
अध्ययनों से पता चलता है कि डाइटिंग लंबे समय तक शायद ही कभी कम कर सकती है उल्लेखनीय रूप से 85% डीटर 1 साल के भीतर डाइटिंग बंद करने के बाद अपना पहले वाला वजन बढ़ा लेते हैं. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि जो लोग डाइटिंग करते हैं असल में उनका वजन बढ़ने की संभावना सबसे अधिक होती है. दीर्घकालिक समय में डाइटिंग भविष्य में वजन बढ़ने का पूर्वानुमान है घटने का नहीं.
11.Weight Loss Myths : मोटे लोग अनहेल्दी होते हैं और पतले हेल्दी ऐसा क्यों?
यह सच है कि मोटापा डायबिटीज, हृदय की बीमारी, और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है, लेकिन बहुत से लोग जो मोटे हैं उनका मेटाबॉलिज्म अच्छा है, जिस वजह से वह स्वस्थ रहते हैं और बहुत से पतले लोगों को भयानक बीमारियां हो सकती हैं. यह पूरी तरह से आपके फैट बिल्डअप पर निर्भर करता है. अगर आपके एब्डोमिनल एरिया में ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाएगा तो यह भयंकर बीमारियों का कारण बन सकता है.
12.Weight Loss Myths : डाइट फूड वजन घटाने में करते हैं मदद?
बहुत सारे जंक फूड को हेल्दी बताकर बेचा जाता है और इनकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी होती है शब्दों से खेलना. मार्केट में कई चीज उपलब्ध होती हैं जैसे कि लो फैट, फैट फ्री, प्रोसैस्ड ग्लूटेन फ्री फूड्स, और हाई शुगर बिवरेजेस. इस तरह की लेवल आमतौर पर धोखा देने के लिए होते हैं ना की जानकारी देने के लिए बहुत से जंक फूड विक्रेता आपको अपना मोटापा बढ़ाने वाला जंक फूड खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. वास्तव में अगर किसी खाद्य पदार्थ की पैकेजिंग पर लिखा है कि यह स्वस्थ है तो संभावना है कि यह बिल्कुल इसके विपरीत हो.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.