World TB Day 2022: टीबी नियंत्रण के लिए भी आएगी वैक्सीन, विश्व भर में 100 से अधिक टीकों पर चल रहा काम

पहले भी वैक्सीन (vaccine) के बल पर ही कई संक्रामक बीमारियों पर विजय पायी गयी है. अब टीबी को भी जड़ से ख़त्म करने के लिए वैक्सीन पर काम चल रहा है . टीबी का टीका बैसिलस कैलमेट गुएरिन (बीसीजी) करीब 100 साल पुराना टीका है जो कि बच्चों को गंभीर टीबी से बचाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2022 1:04 PM

World TB Day 2022: कोरोना, पोलियो व बच्चों की जानलेवा बीमारियों की तरह ही टीबी को भी वैक्सीन से नियंत्रित किया जाएगा. विश्व भर में टीबी बीमारी के खात्मे के लिए वैक्सीन बनाने का कार्य हो रहा है. लगभग 100 वैक्सीन पर विदेशों और भारत में दो वैक्सीन पर रिसर्च हो रही है. उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इस पर सफलता मिलेगा.

100 साल पुराना है बीसीजी का टीका

यूपी स्टेट टीबी टास्क फ़ोर्स (क्षय नियंत्रण) के चेयरमैन व किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (kgmu) के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि पहले भी हमने टीके के बल पर ही कई संक्रामक बीमारियों पर विजय पायी है. अब टीबी को भी जड़ से ख़त्म करने के लिए वैक्सीन पर काम चल रहा है . टीबी का टीका बैसिलस कैलमेट गुएरिन (बीसीजी) करीब 100 साल पुराना टीका है जो कि बच्चों को गंभीर टीबी से बचाता है. जिसमें मिलियरी और टीबी मेनेंजाइटिस के गंभीर रूप शामिल हैं.

भारत में चल रहा दो टीकों पर रिसर्च

डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि विश्व में टीबी के 100 से अधिक वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल विभिन्न चरणों में चल रहा है. हमारे देश में भी आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) में 2019 में दो टीकों को प्रयोग के लिए चयनित किया गया था. इनमें वीपीएम 1002- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और एमआईपी – कैडिला आईसीएमआर शामिल हैं. कोविड के कारण इन दोनों टीकों के विकास पर काम रुक गया था. अब एक बार फिर से टीबी की रोकथाम के लिए वैक्सीन पर रिसर्च के काम तेजी लायी गयी है.

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टीबी की रोकथाम के लिए जरूरी है वैक्सीन

वीपीएम 1002 एक रिकम्ब्रनेंट बीसीजी वैक्सीन है. जिसका उपयोग टीबी की रोकथाम के साथ एक्सपोजर प्रोफाइलेक्सिस के लिए भी कर सकते हैं. यह टीका एक जरूरी विकल्प है. क्योंकि बीसीजी को किसी अन्य टीके के साथ बदलने की जगह इसी टीके को परिवर्तित करते हुए इसमें सुधार करना ज्यादा उपयोगी होगा. रिकम्ब्रनेंट बीसीजी की विशेषता की वजह से हमारे देश में इसी श्रेणी में एक और वैक्सीन एमटीबीवीएसी पर शोध किया जा रहा है.

70 से अधिक देशों में वैक्सीन के विकास पर कार्य

डॉ. सूर्यकांत के अनुसार इसी महीने भारत बायोटेक ने दक्षिण पूर्व एशिया और उप सहारा अफ्रीका के 70 से अधिक देशों में एक नयी टीबी की वैक्सीन एमटीबीवीएसी के विकास, निर्माण और मार्केटिंग के लिए स्पेनिश बॉयोफार्मास्युटिकल कंपनी के साथ साझेदारी की है. यह वैक्सीन टीबी के रोकथाम में विश्वसनीय व कारगर साबित हो सकती है.

टीबी के  खिलाफ पुख्ता सुरक्षा

उन्होंने बताया कि एमआईपी-कैडिला, एक दूसरे प्रकार का टीका है, जिसको निष्क्रिय एमआईपी की कोशिकाओं को गर्म करके विकसित किया गया है. एमआईपी एम लेप्रे और एमटीबी दोनों के साथ एंटीजन को साझा करता है और बीसीजी रेस्पांडर और नान रेस्पांडर स्ट्रेन दोनों में टीबी के खिलाफ पुख्ता सुरक्षा प्रदान करता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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