Vaginal Changes: मेनोपॉज के दौरान वजाइना में क्या बदलाव होते हैं?

Vaginal Changes: जब महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या होती है इस दौरान उनमें एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है जिसके कारण वजाइना की लेयर पतली हो जाती है इस दौरान उन्हें कई तरह की तकलीफों से जूझना पड़ता है.

By Shweta Pandey | September 18, 2024 1:37 PM
an image

Vaginal Changes: मेनोपॉज से सभी महिलाओं को गुजरना पड़ता है. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. 50 साल की उम्र के बाद हर महिलाओं को मेनोपॉज से गुजरना पड़ता है. मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिसके वजह से उनके शरीर में कई बदलाव होते हैं. इतना ही नहीं मेनोपॉज के दौरान उनके वजाइना में कई तरह के बदलाव होते हैं. मेनोपॉज के दौरान वजाइना में होने वाले क्या बदलाव है?

वजाइना में जलन की समस्या

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के वजाइना में जलन की समस्या हो सकती है. मेनोपॉज के कारण वजाइना की परत पतले हो जाने और सूखेपन हो जाता है जिसके कारण उनके वजाइना में संबंध के दौरान दर्द होता है.

वजाइना की लेयर पतली हो जाती है

जब महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या होती है इस दौरान उनमें एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है जिसके कारण वजाइना की लेयर पतली हो जाती है इस दौरान उन्हें कई तरह की तकलीफों से जूझना पड़ता है.

Also Read: सुबह खाली पेट दूध वाली चाय पीने वाले हो जाएं सावधान! हो सकती हैं ये 5 शारीरिक समस्याएं

वॉल्वा में बदलाव

महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है. दरअसल वॉल्वा वजाइना के बाहरी भाग को कहा जाता है. वहीं मेनोपॉज के दौरान वॉल्वा का आकार और रंग बदल जाता है कई बार वजाइना सूखा और पतला भी हो सकता है.

लुब्रिकेशन हो जाता है कम

वजाइना में लुब्रिकेशन का अहम हिस्सा होता है. लुब्रिकेशन संबंध के दौरान घर्षण को कम करने में मदद करता है. मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के लेवल में कमी हो जाता है और वजाइना का लुब्रिकेशन कम हो जाता है, जिससे संबंध के दौरान दर्द हो सकता है. फिलहाल महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या 40 के बाद शुरू हो जाती है. लेकिन 50 साल में पीरियड आना बंद भी हो जाता है.

Also Read: माहवारी के कितने दिन बाद महिला और पुरुष को संबंध बनाना चाहिए?

Exit mobile version