जानिए कितना खतरनाक है Visakhapatnam में लीक हुआ Polyvinyl Chloride Gas, जीवन भर के लिए दे सकता है दर्द

Visakhapatnam Gas leak कोरोना संकट के दौरान एक बहुत बड़ा हादसा आंध्र प्रदेश में हो गया है. विशाखापट्टनम जिले में गैस लीक होने से सात लोगों की मौत हो गई है. संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. दरअसल, यह गैस एक केमिकल प्लांट से लीक हुई है. गैस लीक होते ही चारों ओर अफरातफरी मच गई. खबरों की मानों तो इससे हजार से ज्यादा गंभीर रूप से घायल है और अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है. लेकिन, क्या आपको मालूम है ऐसी कौन सी गैस थी जिससे यह घटना घटी? कितनी खतरनाक हो सकती है यह गैस? आइये जानते हैं सब कुछ विस्तार से

By SumitKumar Verma | May 7, 2020 9:19 PM

Visakhapatnam Gas leak कोरोना संकट के दौरान एक बहुत बड़ा हादसा आंध्र प्रदेश में हो गया है. विशाखापट्टनम जिले में गैस लीक होने से सात लोगों की मौत हो गई है. संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. दरअसल, यह गैस एक केमिकल प्लांट से लीक हुई है. गैस लीक होते ही चारों ओर अफरातफरी मच गई. खबरों की मानों तो इससे हजार से ज्यादा गंभीर रूप से घायल है और अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है. लेकिन, क्या आपको मालूम है ऐसी कौन सी गैस थी जिससे यह घटना घटी? कितनी खतरनाक हो सकती है यह गैस? आइये जानते हैं सब कुछ विस्तार से

पीवीसी यानी पॉलीविनाइल क्लोराइड (Polyvinyl Chloride) का सबसे ज्यादा उपयोग कहां होता है

– दरअसल, लीक हुई गैस पॉलीविनाइल क्लोराइड (polyvinyl chloride gas) है. इसका इस्तेमाल प्लास्टिक और विनाइल उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है.

– इससे पीवीसी पाइप, खिड़कियों के फ्रेम, दरवाजे, ज्वाइंट्स, छत, टंकी आदि बन सकते है

– यह सस्ता मजबूत और लंबा चलता है जिसके कारण इसका प्रयोग बिल्डिंग मटेरियल के रूप में होता है

हवा में इसके फैलते ही कई तरह के लक्षण आपके शरीर में दिख सकते हैं, जैसे

– केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ सकता है. जैसे विशाखापट्टनम गैस लीक के दौरान हुआ

– इससे चक्कर आना, भारी सिरदर्द महसूस होना

– सांस लेने में दिक्कत होना,

– हर्ट ब्लॉक लगना

– यह लक्षण बाद में जाकर कैंसर का भी रूप ले सकता है

आपको बता दें

– स्टाइरीन (Styrene) एक रंगहीन तरल पदार्थ होता है जो हवा के संपर्क में आते ही गैस बनकर हवा के साथ फैलने लगता है.

– यह एक हल्के, मीठी गंध वाली रंगहीन गैस है

– इसके गंध की सीमा 3,000 पीपीएम है

– यह पानी में थोड़ा घुलनशील है और काफी ज्वलनशील भी है

विनाइल क्लोराइड गैस से होने वाले मेजर हेल्थ इश्यू

– इसके फैलते ही सांस लेना मुश्किल हो जाता है

– इससे चक्कर आना, सिरदर्द महसूस होने लगता है

– यह आंखों और श्वसन नली को भी क्षति पहुंचा सकती है

– इसके दुर्गंध से बेहोशी आ सकती है

– यह फेफड़े को भी क्षति पहुंचा सकती है

– इससे गुर्दे में जलन और

– शरीर में रक्त के थक्के जम सकते है

– यह गैस जानवरों के हृदय को भी काफी क्षति पहुंचाता है

– यह काफी जहरीला गैस होता है, कई बार चुहों में इसके परिक्षण से ऐसा मालूम चला है

– इससे लीवर खराब होने की भी बहुत संभावनाएं बढ़ जाती है

– इससे शरीर के कई हिस्से सुन्न हो सकते है, उंगलियों में झनझनाहट महसूस हो सकती है. जैसा की नस दबने या ठंड में महसूस होता है

– वहीं, हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है

– त्वचा संबंधी रोग भी होने का खतरा बढ़ जाता है

– इस गैस के कारण स्मृति हानि, नींद में गड़बड़ी समेत कई अन्य गंभीर रोग होने का भी खतरा बढ़ जाता है

– कई अध्ययनों में मालूम चला है कि यह पुरुष का यौन क्रिया पर भी बुरा प्रभाव डालता है

– इसके अलावा महिलाओं के गर्भ के लिए भी यह गैस काफी खतरनाक माना गया है

– इससे महिलाओं के पीरियड्स भी गड़बड़ हो जाते हैं

– यह कैसंर (एंजियोसार्कोमा) जैसे गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है. इसके अलावा लीवर कैंसर और माउथ कैंसर का भी रूप ले सकता है

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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