कोरोना वायरस से लड़ने में विटामिन डी है कारगर, जानें… कैसे
कोरोना वायरस से बचाने में विटामिन डी की दवा मदद करेगी. विटामिन डी सुबह सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से शरीर को मिलता है.
पटना: कोरोना वायरस का डर वायरस की तुलना में तेजी से फैल रहा है. इसका खौफ कई देशों में फैल चुका है. कोरोना वायरस से संक्रमित 135 हजार लोग संदिग्ध पाये गये है. उनमें से 70 हजार लोगों को पहले ही चिह्नित किया जा चुका है. 54 हजार लोग हल्के रूप से संक्रमित है. वही कोरोना वायरस से अब तक पांच हजार से अधिक लोग मर चुके है, इसलिये किसी को भी यह नहीं लगता है कि संक्रमित लोग केवल हल्के से बीमार हैं या बीमारी से पूरी तरह से ग्रसित हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिये एक मजबूत या अच्छी तरह से विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली कारण हो सकता है, जो मनुष्य के शरीर में संक्रमण से लड़ने में सक्षम हों और काफी हद तक अनियंत्रित हो जाएं. इन संक्रमणों से निपटने के लिए दवाओं को समय पर विकसित नहीं किया जा सकता है.
विटामिन डी की दवा संक्रमण से लड़ने में मदद करेगी
बीमारी का इलाज करने के लिये दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय इसे पहले से पराजित करना ही बेहतर होगा. बता दें कि शोध से पता चला है कि विटामिन डी की दैनिक या साप्ताहिक दवा लोगों को श्वसन संक्रमण से प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद कर सकती है. विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो सूर्य के प्रकाश से मिलता है. विटामिन डी सुबह सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से शरीर को मिलता है. विटामिन डी हड्डी और मांसपेशियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, इसके साथ ही कैंसर, मधुमेह और हृदय संबंधी रोगों से भी बचाने में मदद करती है. वही, कई अन्य अंगों और रोगों पर इसका प्रभाव क्या है पता लगाया जा रहा है.
विटामिन डी की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डाल सकती है और हमें संक्रमण के प्रति संवेदनशील बना सकती है. विटामिन डी विशेष रूप से श्वसन प्रणाली जैसे फ्लू, जुकाम और निमोनिया से बचाव करने में कारगर होती है. विटामिन डी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखता है , जिससे आप वायरस और बैक्टीरिया से लड़ सकें जो श्वसन अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. हमारे शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिये हमेशा तैयार रहना पड़ता है. ऐसी प्रकोपों से निपटने में मदद करने वाली कई दवाएं हैं, लेकिन दवाओं पर निर्भर नहीं रहना चाहिये.
पौष्टिक भोजन अपनी आदत में रखना चाहिये
हर व्यक्ति को एक सक्रिय और स्वच्छ जीवन शैली, पौष्टिक और स्वस्थ भोजन की आदतों को बनाए रखना चाहिये. सूर्य के प्रकाश के पर्याप्त संपर्क में आने से हमें अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को उस हद तक मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है, जहां यह श्वसन प्रणाली से संबंधित सभी प्रकार के संक्रामक रोगों से लड़ने में सक्षम है. बता दें कि हम अपने जीवन से गुजरते हैं, हम लाखों सूक्ष्मजीवों और विषाक्त पदार्थों के साथ बातचीत करते हैं, जो हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की रक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है तो श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकती है. प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे जीवन भर में सुधार करती है, इसे मजबूत रखने के लिए हमे कदम उठाना चाहिये. व्यक्ति की आदतें और कमियां प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं, जिससे रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया, वायरस और विषाक्त पदार्थों से लड़ना मुश्किल हो जाता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.