पानी का हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है. अगर पानी दूषित होता है, तो यह स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. ज्यादातर पेट से संबंधित बीमारियां दूषित पानी पीने की वजह से होती हैं. कुछ जानलेवा भी साबित हो सकती हैं. दूषित पानी पीने से हमारे शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे कई तरह की अन्य बीमारियां शरीर में घर कर सकती हैं.ऐसे में विशेष ख्याल रखने की जरूरत है.
डायरिया गंदे पानी से होने वाली सबसे बड़ी बीमारी है. इससे सबसे ज्यादा बच्चे ही प्रभावित होते हैं. बच्चों को अगर दिन में तीन या इससे अधिक बार पतला दस्त आये, तो ये डायरिया के लक्षण ही हैं. डायरिया में शरीर से पानी कम होने लगता है.
आंकड़े के अनुसार, दुनिया भर में प्रति घंटे 1000 बच्चों की मौत सिर्फ डायरिया के कारण ही हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि इससे सावधानी बरतें.
बच्चे को एक गिलास पानी में दो चम्मच चीनी और चुटकी भर नमक व नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर पिलाएं. साथ ही नारियल पानी पिलाना भी फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें. ओआरएस और इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल भी काफी कारगर हो सकता है.
हेपेटाइटिस बीमारी भी दूषित पानी से ज्यादा फैलता है. इसके पांच वायरस हैं, जिन्हें ए, बी, सी, डी और इ नाम से जाना जाता है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक बी होता है. हेपेटाइटिस बी का वायरस लीवर को संक्रमित व लीवर में सूजन पैदा करता है.
सबसे जरूरी है कि उसे हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं. साथ ही रोजाना 100-250 ग्राम चीनी पानी में घोल कर बच्चे को पिलाएं. हरी पत्तेदार सब्जियों को सेवन कराएं और पानी साफ पिलाएं.
मलेरिया बुखार प्लास्मोडस परजीवी मच्छर से फैलता है. ये मच्छर गंदे पानी में ही पैदा होते हैं. इस बीमारी से बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए तो मलेरिया घातक है. इससे पेट में पल रहे शिशु की मौत तक हो सकती है.
मलेरिया के अधिकतर लक्षण फ्लू, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं. अगर बच्चे को तेज बुखार व ठंड लगे तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही इससे बचने के लिए बच्चे को ज्याजा से ज्यादा आराम कराएं और तरल पदार्थ का सेवन कराएं. साफ पानी व भोजन दें. सिर पर गीले कपड़े की पट्टी लगाएं.
हैजा भी गंदे पानी से होने वाली एक बीमारी है. यह रोग विबियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया से फैलता है. यह गंदे खाने, दूध व कटे हुए फल से भी फैलता है.
बच्चे को ज्यादा से ज्यादा नारियल पानी पिलाएं. तरल पदार्थों का सेवन कराएं. पानी पीने से पहले उसे उबाल लें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.