कोविड-19 की फिर से जांच पर दिशा-निर्देश में करें बदलाव, बंगाल सरकार का आईसीएमआर से आग्रह

पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को पत्र लिखकर उससे कोविड-19 की एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त आये व्यक्ति का ‘तत्काल पुन: परीक्षण कराने’ के अपने दिशा-निर्देश को बदलने का अनुरोध किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2020 6:29 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को पत्र लिखकर उससे कोविड-19 की एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त आये व्यक्ति का ‘तत्काल पुन: परीक्षण कराने’ के अपने दिशा-निर्देश को बदलने का अनुरोध किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि फ्लू के इस सीजन में ऐसे लोग हैं, जो कई ज्वर क्लिनिक में एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त होते हैं, लेकिन आईसीएमआर के दिशा-निर्देशा के अनुसार उन्हें तत्काल आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजना होता है.

फीवर क्लिनिक्स में डॉक्टर अचानक आरटी-पीसीआर जांच की सिफारिश कर रहे हैं. लेकिन, आरटी-पीसीआर जांच की सिफारिश करने की बजाय उन्हें ज्वर के साथ-साथ कफ, सांस में बेचैनी, भूख और गंध का पता नहीं लगने पर भी ध्यान देना चाहिए. उस वक्त मरीज गैर कोविड-मरीज हो सकता है, जब हमारे पास फ्लू से ग्रस्त मरीज होते हैं.
स्वास्थ्य विभाग, पश्चिम बंगाल

उन्होंने कहा, ‘हमारी इस पर भिन्न राय है. हम सोचते हैं कि एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त आये व्यक्ति को तत्काल नहीं, बल्कि तीन दिन बाद रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमेरेज चेन रियक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच के लिए भेजा जाये. हमारा मानना है कि कुल विषाणु भार केवल तभी सामने आयेगा और एंटीजन जांच परिणामदायक साबित होगी.’

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कोविड प्रोटोकॉल समिति के सदस्य इन अधिकारी ने कहा, ‘हमने आईसीएमआर को अपने पर्यवेक्षण के बारे में लिखा है और उनसे जांच से संबंधित दिशा-निर्देश में बदलाव करने का अनुरोध किया है.’

अधिकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के ज्वर क्लिनिक में डॉक्टरों को तत्काल आरटी-पीसीआर जांच की सिफारिश नहीं करना चाहिए, बल्कि कोविड-19 के संक्रमणों के स्पष्ट लक्षणों के सामने आने का इंतजार करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘फीवर क्लिनिक्स में डॉक्टर अचानक आरटी-पीसीआर जांच की सिफारिश कर रहे हैं. लेकिन, आरटी-पीसीआर जांच की सिफारिश करने की बजाय उन्हें ज्वर के साथ-साथ कफ, सांस में बेचैनी, भूख और गंध का पता नहीं लगने पर भी ध्यान देना चाहिए. उस वक्त मरीज गैर कोविड-मरीज हो सकता है, जब हमारे पास फ्लू से ग्रस्त मरीज होते हैं.’

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उन्होंने कहा कि विभिन्न ज्वर क्लिनिकों में आरटी-पीसीआर जांच से गुजरने वाले कई मरीज कोरोना वायरस से नहीं, बल्कि फ्लू से ग्रस्त पाये जाते हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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