बेल्स पाल्सी तब होती है जब आपके चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका संकुचित होती है. इसका कोई सटीक कारण नहीं मिला है, हालांकि इसमें चेहरे की तंत्रिका सूज जाती है. इसे लेकर डॉक्टर का मानना है कि एक वायरल संक्रमण के कारण भी लोगों में ये समस्या होती है, हालांकि हरपीज वायरस इसका सबसे आम कारण माना जाता है, लेकिन अन्य वायरस भी जिम्मेदार हो होते हैं.
बेल्स पाल्सी: सर्दियों में फेशियल पाल्सी (बेल्स पाल्सी) के मामले बढ़ जाते हैं. फेशियल पाल्सी को चेहरे का लकवा भी कहा जाता है. स्कॉटलैंड के डॉक्टर चार्ल्स बेल ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी थी, इसलिए इसे बेल्स पाल्सी भी कहा जाता है. यह ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें चेहरा एक तरफ मुड़ जाता है या तिरछा दिखाई देता है या तो बायीं ओर या फिर दाहिनी ओर. इसमें चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियां अस्थायी रूप से कमजोर हो जातीं है, क्योंकि इन्हें नियंत्रित करने वाली तंत्रिका सिकुड़ जाती है. फेशियल पाल्सी को लकवा का शुरुआती लक्षण माना जाता है.
Also Read: सर्दियों में High Blood Pressure को कैसे काबू में रखें? जानें बड़ी बातें
मोनोप्लेजिया : इस प्रकार के पक्षाघात में शरीर का केवल एक अंग प्रभावित होता है. मोनोपलेजिया लकवे में आमतौर पर एक बांह प्रभावित होती है.
हेमीप्लेजिया : एक तरफ का हिस्सा प्रभावित होने को हेमीप्लेजिया लकवा कहा जाता है. इस पैरालिसिस के प्रकार में शरीर के एक ही साइड का एक हाथ, एक पैर व ट्रंक प्रभावित होता है.
क्वाड्रिप्लेजिया : इस प्रकार को टेट्राप्लेजिया के नाम से भी जाना जाता है. इसमें व्यक्ति के शरीर की दोनों बांह और दोनों पैर प्रभावित होते हैं.
पैराप्लेजिया : कमर से नीचे के अंगों में होने वाले पक्षाघात को पैराप्लेजिया लकवा कहा जाता है. इस पैरालिसिस के प्रकार में व्यक्ति के दोनों पैर प्रभावित होते हैं.
इलाज : पक्षाघात होने पर शीघ्र डॉक्टर से परामर्श लें. जरूरत पड़ने पर सर्जरी भी करनी पड़ सकती है. आमतौर पर फेसियल पाल्सी में फिजियोथेरेपी से राहत मिल जाती है और तीन महीने में वह सामान्य स्थिति में लौट आता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.