4-7-8 Breathing Technique क्या है? जानें इसकी मदद से सांस लेने की तकलीफों से कैसे मिलता है छुटकारा

4-7-8 Breathing Technique: 4-7-8 सांस लेने की एक बहुत ही अच्छी तकनीक है जिसे डॉ. एंड्रयू वेइल द्वारा बनाया गया है. यह प्राणायाम नामक प्राचीन योगा के तकनीक पर आधारित है, जो अभ्यासकर्ताओं को अपनी सांस पर नियंत्रण पाने में मदद करती है. जानें इसके फायदे और इसे करने की तकनीक.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2023 12:00 PM

4-7-8 Breathing Technique: कई लोगों को रोजाना सांस से जुड़े योगाभ्यास करते आसानी से देखा जा सकता है. जैसे कि कपाल भर्ती, अनुलोम विलोम और प्राणायाम ये सभी योग हमें सांस से जुड़ी बीमारियों से दूर रखते हैं. अभी के समय में बहुत से लोगों को सांस से जुड़ी समस्या है. एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि सभी को रोजाना इस प्रकार के योगा करने चाहिये ये आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है. 4-7-8 सांस लेने की एक बहुत ही अच्छी तकनीक है जिसे डॉ. एंड्रयू वेइल द्वारा बनाया गया है. यह प्राणायाम नामक प्राचीन योगा के तकनीक पर आधारित है, जो अभ्यासकर्ताओं को अपनी सांस पर नियंत्रण पाने में मदद करती है. बहुत से लोगों को सांस की तकलीफों के कारण रातों में नींद नहीं आती है. अगर नियमित रूप से इस योग को किया जाए तो संभव है कि यह तकनीक कुछ लोगों को कम समय में ही आराम की नींद लेने में मदद कर सकती है.

4-7-8 तकनीक कैसे काम करता है ?

सांस लेने की तकनीक शरीर को सांस की तकलीफों से आराम दिलाने के लिए बनाया गया है. इस तकनीक के अनुसार इसके अंदर कुछ योगा शामिल हैं जैसे कि कुछ समय के लिए सांस रोकना. ऐसा करने से ये आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की मात्र की पूर्ति करता है. 4-7-8 जैसी तकनीकें आपके अंगों और मांसपेशियों को ऑक्सीजन जल्द प्रदान कर सकते हैं.

आराम करने की आदत शरीर के संतुलन को वापस बहाल करने में मददगार

आराम करने की आदत आपके शरीर को वापस संतुलन में लाने में मदद करता है और तनावग्रस्त होने पर हमें महसूस होने वाली चिड़चिड़ापन जैसी प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह विशेष रूप जब आप कुछ तनाव वाली चीजों के बारे में सोचते हैं जैसे कि आज क्या हुआ या कल क्या हो सकता है. इसकी चिंता या इन चिंताओं के कारण नींद न आने की वजह से हो सकता है. हमारे दिमाग में इस प्रकार के घूमते विचार और चिंताएं हमें अच्छी तरह से आराम करने से रोक सकती हैं.

चिंतओं पर नहीं सांस को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर करती है ये टेक्नीक

4-7-8 तकनीक मन और शरीर को रातों में लेटते समय अपनी चिंताओं को दोहराने के बजाय सांस को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर करती है. जो लोग इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं उन लोगों का कहना है कि यह तेजी से चल रहे दिल को शांत कर सकता है या थकी हुई नसों को शांत कर सकता है. डॉ. वेइल ने इसे तंत्रिका तंत्र के लिए प्राकृतिक ट्रैंक्विलाइजर के रूप में भी दर्शाया है. 4-7-8 सांस लेने की तकनीक का अभ्यास कैसे कर कर सकते हैं आगे पढ़ें…

वैकल्पिक सांस

वैकल्पिक सांस :- इस तरीके में सांस एक समय में नाक के एक नली से अंदर लें और दूसरे नली को बंद रखें. उसके बाद जिस नली से सांस को अंदर की तरफ किया था उसको बंद करें और दूसरी नली से सांस को बाहर की तरफ छोड़ें.

माइंडफुलनेस मेडिटेशन

माइंडफुलनेस मेडिटेशन :- सांस को अंदर की तरफ लेकर कुछ समय के लिए रोक कर ध्यान लगाएं. उसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें.

विज़ुअलाइजेशन

विज़ुअलाइजेशन :- आपके दिमाग को आपकी सांस के उपर और लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर केंद्रित करें. इस प्रक्रिया से आप अपने विचारों और भावनाओं पर फोकस करके उन्हें पहले अपने मन में फिर अपने जीवन में जीवित कर सकते हैं.

गाइडेड इमेजरी

गाइडेड इमेजरी :- आपके द्वारा बिताए हुए अच्छे पालों को याद करें साथ ही साथ कुछ अच्छी कहानियों को याद करें, जो आपको खुशी और सुकून पहुंचाती है.

व्याकुलता पर काबू पाने और आराम की स्थिति में आने के लिए कर सकते हैं 4-7-8 तकनीक का उपयोग

हल्की नींद की गड़बड़ी, चिंता और तनाव का अनुभव करने वाले लोगों को व्याकुलता पर काबू पाने और आराम की स्थिति में आने के लिए उन्हें भी 4-7-8 सांस लेने की तकनीक का उपयोग करना चाहिए. इससे इन्हें मदद मिल सकती है. 4-7-8 विधि से सांस लेने वाले लोगों का कहना है कि यह सही तरीके से और उचित समय तक करने से ये अधिक शक्तिशाली हो जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले इसके असर उतने स्पष्ट नहीं होते हैं. पहली बार इसे आजमाने पर आपको थोड़ा हल्कापन महसूस हो सकता है प्रति दिन कम से कम दो बार 4-7-8 तकनीक से सांस लेने का अभ्यास करने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं.

यहां करें इसका अभ्यास

एक अच्छे और शांत जगह पर जाएं और उस स्थान में कोई अच्छी सी बैठने की जगह देखें, जहां पर आप आराम से बैठ या अपने घुटने के बल बैठ पाएं. अगर आप इस तकनीक को कर रहे हैं, तो घुटने के बल बैठना सबसे अच्छा तरीका होगा. अभ्यास के लिए अपनी जीभ की नोक को अपने मुंह के तरावा के ऊपरी सामने के दांतों के ठीक पीछे टिकाकर अभ्यास की तैयारी करें. आपको पूरे अभ्यास के दौरान अपनी जीभ को उसी स्थान पर रखना होगा. जब आप सांस छोड़ते हैं, तो अपनी जीभ को हिलने से रोकने के लिए अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है. 4-7-8 सांस प्रक्रिया के दौरान सांस छोड़ना कुछ लोगों के लिए आसान हो सकता है जब वे अपने होठों को सिकोड़ते हैं.

निम्नलिखित सभी चरणों को एक सांस के एक बार में पूरा किया जाना चाहिए

  1. सबसे पहले अपने होठों को अलग होने दें. चिल्ला कर जोर से बोलें अपने मुंह से पूरी तरह सांस छोड़ दें.

  2. इसके बाद, अपने होठों को बंद कर लें और अपने नाकों से बिना आवाज किए सांस लेते हुए 4 तक गिनती करें.

  3. उसके बाद सांस रोक कर 7 तक गिनती करें.

  4. 8 सकेंड तक अपने मुंह से जोर-जोर से सांस छोड़ें.

फिर से सांस लें और इसी प्रक्रिया को बार बार दोहराएं जब आप इसे बार बार दोहराएंगे तो आप पाएंगें की आप 4-7-8 नियम का पालन कर रहे हैं और रोजाना इसे करने से आपको अच्छा महसूस होना शुरू हो जाएगा. इस सांस लेने की तकनीक को ऐसे माहौल में नहीं किया जाना चाहिए जहां आप पूरी तरह से आराम करने के लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि इसका उपयोग सोने के लिए आवश्यक नहीं है, फिर भी यह योग कर रहे व्यक्ति को गहरी विश्राम की स्थिति में डाल सकता है.

अन्य तरीके जो आपको सोने में मदद कर सकते हैं

यदि आप चिंता या तनाव के कारण हल्की नींद नहीं लें पा रहे हैं , तो 4-7-8 सांस लेने की प्रक्रिया से आपको आराम पाने में मदद मिल सकती है हालांकि सिर्फ ये तकनीक अपने आप में पर्याप्त नहीं है, तो इसकी जगह पर आप कुछ और उपायों को भी कर सकते हैं जैसे कि

1. स्लीपिंग मास्क

2. वाइट नॉयस मशीन

3. ईयरप्लग्स

4. आराम देने वाले गाने

5. चाय या कॉफी का प्रयोग

6. सोने से पहले योगा

7. अपने बालों में तेल से मसाज करें

अगर 4-7-8 योगा करने से आपको आराम महसूस नहीं हो रहा है, तो आप अच्छी बातों को याद करें यदि आपको बार-बार सोने में तकलीफ हो रही है तो एक अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें और उचित दावाईयों का सेवन करें.

रिपोर्ट- वैभव विक्रम

Also Read: Monsoon Pet Dog Care: अपने डॉग का रखिए खास ख्याल, बीमारियों से मुक्त रखने के बेहद आसान हैं उपाय

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version