इन दिनों एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) के बारे में अधिक सुना जा रहा है, विशेष रूप से कोरोनोवायरस महामारी के प्रकोप के बाद भी, इस गंभीर हेल्थ कंडीशन के बारे में अधिक जागरूकता नहीं है जिसमें मृत्यु दर का हाई रिस्क है. एआरडीएस तब होता है जब किसी के फेफड़ों में small elastic air sacs में फ्लूइड का निर्माण शुरू हो जाता है और फ्लूइड का यह निर्माण फेफड़ों को पर्याप्त हवा से भरने से रोकता है जिसका अर्थ है कि अंग ठीक से काम नहीं कर सकते क्योंकि केवल थोड़ी मात्रा में ऑक्सीजन ब्लड फ्लो तक पहुंचती है. एआरडीएस अपने आप में एक स्वतंत्र बीमारी नहीं है क्योंकि यह ज्यादातर उन लोगों में होती है जो पहले से ही गंभीर रूप से बीमार हैं या जिन्हें गंभीर चोटें लगी हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि एआरडीएस से पीड़ित बहुत से लोग जीवित नहीं रहते. मृत्यु का रिस्क किसी की उम्र और बीमारी की गंभीरता के साथ बढ़ता है. जानें इसके लक्षणों , बचाव और इलाज के बारे में.
कैसे जान सकते हैं कि आप एआरडीएस (Acute Respiratory Distress Syndrome) से पीड़ित है या नहीं? इस सावल का जवाब यह है कि एआरडीएस के सामान्य लक्षणों में सांस की गंभीर कमी, सांस लेने में तेजी या कठिनाई, लेा ब्लड प्रेशर, भ्रम या अत्यधिक थकान शामिल हैं. हालांकि इसके लक्षणों की तीव्रता इस बीमारी की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन एआरडीएस की पहचान करना काफी हद तक डॉक्टरों का काम है क्योंकि यह ज्यादातर उन लोगों में होता है जो पहले से ही बड़ी बीमारी के कारण अस्पताल में हैं. या किसी तरह की चोट लगी है. एआरडीएस का प्रमुख कारण फेफड़ों में सबसे छोटे ब्लड वेसल्स से एल्वियोली में फ्लूइड के रिसाव के कारण होता है.
एक स्वस्थ व्यक्ति में, एक सुरक्षात्मक झिल्ली होती है लेकिन जब यह किसी बीमारी या चोट के कारण डैमेज हो जाती है तब आमतौर पर एआरडीएस डेवलप हो जाता है. एक्सपर्ट के अनुसार इस बीमारी के पीछे सेप्सिस, हानिकारक पदार्थों का सांस लेना, गंभीर निमोनिया और सिर या छाती में चोट जैसे अन्य कारण भी हैं. गंभीर कोविड-19 संक्रमण वाले लोगों में भी एआरडीएस विकसित होते हुए भी देखा है. विशेष रूप से पुरानी शराब पीने वाले लोगों को एआरडीएस का विशेष रिस्क होता है.
एआरडीएस के कारण कई अन्य तरह की जटिलताओं का सामना भी करना पड़ सकता है. विशेष रूप से रक्त के थक्के, फेफड़े की परेशानी, इंफेक्शन और पल्मोनरी फाइब्रोसिस और यदि विशेषज्ञ की मदद से इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो जीवन भर सांस लेने में समस्या, डिप्रेशन, याददाश्त की समस्या, थकान और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है. एक बात और जिसके बारे में जानना जरूरी है वह यह है कि एक्सपर्ट एआरडीएस के रिस्क को कम कर सकता है, इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है.
किसी भी तरह के आघात, संक्रमण या बीमारी के मामले में डॉक्टर से मिलें, अगर आप धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान बंद करें, सेकेंड हैंड धूम्रपान से दूर रहें और शराब से बचें और 5 साल में एक बार फ्लू और निमोनिया का टीका जरूर लगवाएं. एआरडीएस काफी भयावह मामला हो सकता है लेकिन डॉक्टर आश्वस्त करते हैं कि चिकित्सा विज्ञान में हालिया प्रगति के कारण समय पर पहचान और विशेषज्ञ उपचार से रिकवरी में मदद मिल सकती है. इसलिए निराश होने की जरूरत नहीं है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.