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Menstrual Health And Hygiene : क्या है माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता ? कैसे रखें माहवारी के समय स्वच्छता का ध्यान ?

Menstrual Health And Hygiene : मेंस्ट्रूअल हेल्थ एंड हाइजीन का मतलब होता है मासिक धर्म प्रवाह को अवशोषित करने के लिए बेहतर प्रोडक्ट तक सभी की पहुंच, उसे बदलने के लिए गोपनीय स्थान, और उसे फेंकने के लिए सही जगह एवं सही सुविधाओं कि उपलब्धता.

By Shreya Ojha | July 22, 2024 4:56 PM
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Menstrual Health And Hygiene : मेंस्ट्रूअल हेल्थ एंड हाइजीन का मतलब होता है मासिक धर्म प्रवाह को अवशोषित करने के लिए बेहतर प्रोडक्ट तक सभी की पहुंच, उसे बदलने के लिए गोपनीय स्थान, और उसे फेंकने के लिए सही जगह एवं सही सुविधाओं कि उपलब्धता. अक्सर महिलाओं एवं लड़कियों तक इन सभी चीजों की उपस्थिति और जागरूकता ना होने के कारण उन्हें कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है और माहवारी के वक्त साफ सफाई का ध्यान न रखने पर बीमारियां एवं गंदगी भी फैलती है. इस विषय पर लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने कई मुहिम भी चलाई है, जिसमें लोग गांव-गांव जाकर लोगों को इस विषय की संजीदगी का मतलब समझा रहे हैं और अशिक्षित वर्ग कि महिलाओं और पुरुष दोनों को इस विषय पर जागरूक कर रहे हैं. चलिए इस विषय पर कुछ जरूरी सुझाव के बारे में जानते हैं.

Menstrual Health And Hygiene : माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए सुझाव

Using menstrual hygiene products can reduce infections threats.

मासिक धर्म संबंधी उत्पादों का इस्तेमाल करें

पहले के समय में महिलाएं माहवारी के वक्त कपड़े का इस्तेमाल करती थी जिसकी वजह से उन्हें गुप्तांग में खुजली, जलन, रैशेज और इन्फेक्शन का खतरा हो सकता था. लेकिन आज के समय में महावारी के लिए कई उत्पाद मार्केट में आसानी से अवेलेबल है और बहुत ही कम दामों में भी यह मिलते हैं. इसके अलावा सरकार ने उन औरतों के लिए जो इन उत्पादों तक नहीं पहुंच सकती हैं, उनके लिए यह सेवा मुफ्त में भी मुहैया करवाई है. आप सरकारी संस्थान जैसे कि जिला अस्पताल और प्राथमिक विद्यालयों में इन उत्पादों को प्राप्त कर सकते हैं. इन प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने से कपड़े से होने वाले इन्फेक्शन और दूसरी समस्याओं से बचा जा सकता है.

मुलायम और ढीले वस्त्र पहने

तंग कपड़े पहनने से यह शरीर में गर्मी और नमी को रोक के रखते हैं जिससे रोगाणुओं की वृद्धि हो जाती है इसीलिए माहवारी के वक्त सूती अंडरगारमेंट्स पहनना एक सही विकल्प होता है, इससे इंफेक्शन के होने का खतरा कम होता है.

मासिक धर्म संबंधी प्रोडक्ट्स को समय पर बदलें

विशेषज्ञ के सुझाव के अनुसार और औसतन महिलाओं में मेंस्ट्रूअल प्रवाह के आधार पर महिलाओं को हर चार से 6 घंटे में मेंस्ट्रूअल पैड, टैंपॉन और मेंस्ट्रूअल कप को बदल लेना चाहिए. इससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है और मेंस्ट्रूअल हाइजीन बना रहता है.

सेंटेड मेंस्ट्रूअल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें

महावारी के दौरान महिलाओं को बिना गंध वाला टॉयलेट पेपर, टेंपोन, और पैड इस्तेमाल करना चाहिए ताकि वह हर तरह के स्किन इन्फेक्शन से बच सके और जलन एवं रैशेज जैसी समस्याएं ना हो. सेंटेड प्रोडक्ट्स में केमिकल होते हैं जो कुछ महिलाओं में एलर्जी और इरिटेशन की समस्या पैदा कर सकते हैं इसीलिए विशेषज्ञ इन्हें ना इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं.

जेनिटल एरिया को साफ रखें

महावारी के वक्त या सामान्य दिनों में भी अपने जननांग क्षेत्र को साफ रखने से भी कई समस्याओं से बचा जा सकता है इन्हें साफ रखने के लिए रोज अच्छे से नहाएं और इन एरियाज़ को पानी से साफ करें. ध्यान रखें की यहां पर किसी भी तरह का साबुन या क्लीनिंग प्रोडक्ट लगाने की आवश्यकता नहीं होती है, केवल सामान्य पानी से धो लेने से ही है साफ हो जाते हैं और प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से जेनिटल एरिया के पी एच लेवल पर असर पड़ता है इसलिए जननांग में साफ सफाई रखने के लिए इसे नियमित रूप से सामान्य पानी से धो लेना ही काफी होता है. हालांकि मार्केट में कुछ पैराबीन, सल्फेट और सुगंध रहित क्लीनिंग प्रोडक्ट्स हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने की कोई खास आवश्यकता नहीं होती है.

अधिक पानी पिएं

आवश्यकता अनुसार अधिक पानी और द्रव्य पदार्थ का सेवन करने से यूरिनरी ट्रैक्ट साफ रहता है और किसी भी तरह के इंफेक्शन एवं इरिटेशन की समस्या नहीं होने पाती है.

स्वस्थ जीवन शैली

नियमित रूप से संतुलित आहार और अपनी डाइट में कैफ़ीन की मात्रा को कम करने से, स्लीप साइकिल मेंटेन रखने से, रोजाना व्यायाम करने से और तनाव कम लेने से पीएमएस (PMS Pre Menstrual Syndrome) के सिंप्टम्स को कम किया जा सकता है और किसी भी तरह की शारीरिक समस्याओं से लड़ाई एवं रोका जा सकता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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