क्यों जानलेवा है सेप्टिक शॉक जिससे ग्रसित हैं पूर्व राष्ट्रपति, इस दौरान क्यों सभी अंगों को पहुंचने लगता है नुकसान
What is septic shock, Former President, Pranab Mukherjee, suffering दिल्ली कैंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में इलाजरत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कोरोना संक्रमण के बाद यहां लाए गए थे. जिसके बाद उनके फेफड़े में संक्रमण पाया गया और तबीयत और खराब हो गई. फिलहाल वे कोमा में हैं और अब खबर आयी है कि उन्हें सेप्टिक शॉक लगा है.
दिल्ली कैंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में इलाजरत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कोरोना संक्रमण के बाद यहां लाए गए थे. जिसके बाद उनके फेफड़े में संक्रमण पाया गया और तबीयत और खराब हो गई. फिलहाल वे कोमा में हैं और अब खबर आयी है कि उन्हें सेप्टिक शॉक लगा है. आपको बता दें कि सेप्टिक शॉक काफी खतरनाक होता है इस दौरान मरीज के कई अंग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. इसे जानलेवा भी कहा जा सकता है. आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
क्या है सेप्टिक शॉक ?
सेप्सिस एक संक्रमण का परिणाम और बीमारी का वो कंडीशन है, जब शरीर के कोशिकाओं में संक्रमण फैल जाता है और इससे लड़ने वाले केमिकल या दवाओं को जब रक्त के जरिए प्रवाह करवाया जाता है, तो यह इन्फेक्शन लड़ते हुए शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है. इसी स्टेज को सेप्टिक शॉक कहते हैं.
– सेप्सिस तब होता है जब संक्रमण रक्तप्रवाह तक पहुंचता है और शरीर में सूजन का कारण बन जाता है.
– गंभीर सेप्सिस तब होता है जब संक्रमण गंभीर रूप से आपके अंगों, जैसे हृदय, मस्तिष्क और गुर्दे को प्रभावित करने लगता है.
कब होता है सेप्टिक शॉक
यह तब होता है जब मरीज के रक्तचाप में गिरावट दिखने लगती है. जिसके बाद उनमें श्वसन संबंधी या दिल से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. यही नहीं इस दौरान स्ट्रोक या अन्य अंगों की विफलता के अलावा मृत्यु भी संभव है.
अंग्रेजी वेबसाइट हेल्थलाइन की मानें तो सेप्टिक के दौरान अंगों में छोटे रक्त थक्के बनते हैं. यह ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचने से रोकने का कार्य करते हैं.
आपको बता दें कि सूजन ज्यादातर वयस्कों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में होती है. जबकि, सेप्टिक शॉक बच्चों से लेकर बुढ़ों तक को हो सकता है.
सेप्टिक शॉक के लक्षण
– इसमें बुखार आमतौर पर 101 डिग्री से अधिक होता है.
– तेजी से दिल की धड़कन धड़कती है,
– सांस लेने में दिक्कतें आने लगती है. मरीज तेजी से सांस लेने लगता है,
– इस दौरान किडनी, हृदय, लीवर या मस्तिष्क को प्रभाव पड़ता है. ये काम करना बंद भी कर सकते हैं,
– इसके अलावा इस दौरान पेशाब कम होती है
– सिर चकराना
– होठों का नीला पड़ जाना आदि संभव है
सेप्टिक शॉक के कारण
एक जीवाणु, फंगल या वायरल संक्रमण आदि इसके प्रमुख कारण होते हैं.
इसकी उत्पत्ति शरीर के किस अंग से होती है
– पेट या पाचन तंत्र में संक्रमण
– फेफड़ों में हो सकता है संक्रमण
– मूत्र नली में हो सकता है संक्रमण
– इसके अलावा प्रजनन प्रणाली में संक्रमण संभव है
सेप्टिक शॉक से क्या हो सकता है
सेप्टिक शॉक कई खतरनाक और जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है. इस दौरान मरीज की मौत भी संभव है.
– दिल की धड़कन रुकना
– असामान्य रक्त के थक्के बनना
– किडनी खराब होना
– सांस नहीं ले पाना
– आघात
– लीवर फेल
– आंतों के भाग में संक्रमण से क्षति होना
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.