Stroke: बदलती जीवनशैली से शरीर में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. हम नहीं जानते कि कौन सी बीमारी कब दस्तक दे देगी और हमारे जीवन पर असर डाल देगी. स्ट्रोक या लकवा एक ऐसी बीमारी है, जिसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यह एक सामान्य बीमारी है और आपातकालीन भी. दुनिया में हर 40 सेकंड में एक स्ट्रोक होता है और हर चार में से एक व्यक्ति कभी न कभी स्ट्रोक से पीड़ित होता है. यह रोग दुनिया में हृदय रोग के बाद सबसे अधिक मौतों का कारण है और पीड़ित में विकलांगता भी एक प्रमुख लक्षण है.
स्ट्रोक मुख्य रूप से मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं में रुकावट या टूटने के कारण होता है. 85 प्रतिशत स्ट्रोक नलियों में रुकावट के कारण होते हैं और यदि यह निदान तुरंत किया जाए तो त्वरित पहचान और निदान संभव है. यह समय 4 1/2 घंटे में एक इंजेक्शन (थ्रोम्बोलिसिस) द्वारा दिया जाना चाहिए और विशेष परिस्थितियों में कुछ केंद्रों पर समय सीमा 16-24 घंटे तक बढ़ाई जा सकती है.
किसी व्यक्ति को स्ट्रोक क्यों होता है? ये सवाल हमारे मन में जरूर होगा. अस्वास्थ्यकर जीवनशैली इसमें मुख्य रूप से अहम भूमिका निभाती है. जैसे धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, खराब आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी, मोटापा आदि. इसके अलावा, अगर परिवार में किसी को स्ट्रोक हुआ है, तो इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही बढ़ती उम्र के साथ स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है. ऐसे मामले ज्यादातर 65 साल की उम्र के बाद देखने को मिलते हैं. इसके अलावा उच्च रक्तचाप से स्ट्रोक होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
स्ट्रोक की तुरंत पहचान होनी चाहिए जो FAST के माध्यम से कोई भी व्यक्ति कर सकता है. यहां व्रत में F का मतलब चेहरा, A का मतलब भुजा, S का मतलब वाणी और T का मतलब समय है. ये चार अक्षर चेहरे का खराब होना, हाथ की कमजोरी, आवाज का बदलना और समय पर बता देना दर्शाते हैं. यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण अचानक उत्पन्न हो जाए तो इसे स्ट्रोक समझना चाहिए और उसे जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए. इस बीमारी का पता सीटी स्कैन या एमआरआई टेस्ट से चलता है. स्ट्रोक का इलाज समय रहते तुरंत करना चाहिए, इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग या आनुवांशिक बीमारी वाले, धूम्रपान या शराब पीने वाले, या अधिक वजन वाले लोगों में स्ट्रोक अधिक आम है. इसलिए आपको अपने खान-पान और जीवनशैली पर पूरा ध्यान देना चाहिए. तनाव को ठीक से प्रबंधित करें और नियमित रूप से व्यायाम और ध्यान करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.