ठंड का मौसम शुरू होते ही लोगों के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है. बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखी जाती है. यह दर्द शरीर के किसी भी जोड़ में हो सकता है जैसे- हाथ-पैरों की ऊंगलियां, कंधे, कुल्हा और घुटनें आदि. हालांकि, घुटनों के जोड़ों का दर्द सबसे आम है. महिलाएं भी इस समस्या से अत्यधिक प्रभावित होती हैं, क्योंकि वे शारीरिक गतिविधियां कम करती हैं. इसी वजह से उनके वजन में भी निरंतर बढ़ोतरी होती है.
हमारे शरीर के वजन का कई गुना वजन सीधा हमारे घुटनों पर पड़ता है. वजन तेजी से बढ़ने और समय रहते पर्याप्त ध्यान न देने से घुटनों संबंधित समस्या अधिक होती है. कई बार नी रिप्लेसमेंट की जरूरत भी पड़ती है. जब हमारे जोड़ों में अकड़न, सूजन आ जाती है, तो यह सूजन न केवल जोड़ों को प्रभावित करती है, बल्कि जोड़ों के चारों तरफ मौजूद संयोजक तंतु (कार्टिलेज) को भी प्रभावित करती है. जोड़ों की सतहों की चिकनाई खत्म हो जाती है और बाद में किसी भी तरह की हलचल होने पर हड्डियों में घर्षण होता है, जिससे उन्हें नुकसान पहुंचता है. फिर दर्द पीठ व टखनों तक फैल सकता है. ऑस्टियो आर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट इस रोग के सबसे आम प्रकार हैं. आर्थराइटिस जोड़ों में होने वाली सूजन होती है. इसमें बहुत तेज दर्द होता है. व्यक्ति को न केवल चलने-फिरने, बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी दर्द होता है.
सर्दी में जोड़ों के दर्द का कारण : वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन-हमारे चारों तरफ वायुमंडल में दबाव मौजूद होता है. सर्दी में अक्सर यह वायुमंडलीय दबाव कम हो जाता है, जिससे जोड़ों के ऊतकों (टिश्यू) में सूजन आ जाती है और जोड़ों में खिचाव होने लगता है. इसके परिणामस्वरूप जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है.
-सर्दी के मौसम में जोड़ों की त्वचा पर मौजूद दर्द की इंद्रियां ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे तेज दर्द का अनुभव होता है.
-ग्रीस (सायनोवियल फ्लूइड) जो जोड़ में शॉक ऑब्जर्वर का कार्य करती है, ठंड के मौसम में चिपचिपी हो जाती है और इसका उचित रूप से प्रवाह नहीं होता है. इसके परिणामस्वरूप जोड़ों में अकड़न हो जाती है और जोड़ों से कड़कड़ाने की आवाज आने लगती है.
-सर्दियों में गर्म कपड़े पहन कर ही बाहर निकलें. ध्यान रखें कि आपके हाथ, घुटने, पैर और सभी गठिया जोखिम वाले हिस्से अच्छे से ढके हों.
-जोड़ों में होने वाली अकड़न से बचाव के लिए शारीरिक गतिविधियां जरूरी हैं. खासकर जोड़ों से संबंधित एक्सरसाइज करें. अगर बाहर नहीं जा पा रहे हैं, तो घर के अंदर ही व्यायाम करें. इससे जॉइंट्स की गतिशीलता बढ़ेगी, जो दर्द से बचाव करने में मददगार मिलेगी.
-गठिया रोग से पीड़ित लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए. उन्हें गठिया रोग की दवाएं पर्याप्त तरीके से लेनी चाहिए. ताकि सर्दी के मौसम में गठिया संबंधित समस्याएं परेशान न करें.
-ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी से स्नान करें. अधिक गर्म पानी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. इससे न केवल आपके शरीर की नमी में कमी हो जाती है, बल्कि त्वचा भी जल सकती है.
-विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए सुबह की धूप जरूर लीजिए. इससे कमर दर्द और जोड़ों में होने वाले दर्द में आराम मिलेगा.
-अलसी के बीज, अखरोट, दूध, अंडा और मछली को अपने आहार में शामिल करें, क्योंकि इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो ठंड के कारण जोड़ों में आयी सूजन के स्तर को खत्म में बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा सोयाबीन, दलिया, साबूत अनाज, दाल व मूंगफली इत्यादि का भी सेवन कर सकते हैं.
-शरीर में पानी की कमी आपके दर्द को बढ़ा सकती है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, यह आपको सारे दिन एक्टिव रखने में भी मदद करेगा.
-जोड़ों खासकर घुटनों के जोड़ों पर सबसे ज्यादा असर डालने वाले शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित करें. स्मोकिंग और अल्कोहल के सेवन से दूर रहें.
-आलती-पालथी मारकर न बैठें, इससे जोड़ों में ज्यादा परेशानी होती है.
Posted BY : Amitabh Kumar
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.