अनदेखी के कारण कई बार महिलाएं स्त्री रोग से जुड़ी प्रॉब्लम्स की शिकार हो जाती हैं कुछ के लक्षण महसूस होते हैं लेकिन इग्नोर करने की आदत से उनकी तबीयत और बिगड़ जाती है.
दुनिया भर में महिलाएं अक्सर ऐसे संक्रमणों का अनुभव करती हैं जो असुविधाजनक होने के साथ परेशान करने वाले होते हैं और ध्यान नहीं देेने पर चिंताजनक भी हो सकते हैं
इनमें सबसे कॉमन है “यीस्ट संक्रमण जो योनि में कैंडिडा अल्बिकन्स फंगस की अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है.
कैंडिडा अल्बिकन्स फंगस स्वाभाविक रूप से योनि में मौजूद होता हैै, एंटीबायोटिक का इस्तेमाल, हार्माेनल बदलाव या कमजोर इम्युनिटी जैसे कारक इसके प्रसार की वजह बन सकते हैं.
जिन महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन होता है उन्हें अक्सर खुजली, जलन और गाढ़े, सफेद, डिस्चार्ज का अनुभव होता है. प्रभावित जगह पर लालिमा और सूजन भी हो सकती है.
फंगल इंफेक्शन में ओवर-द-काउंटर एंटीफंगल क्रीम आमतौर पर प्रभावी होते हैं . लेकिन अगर बार-बार ऐसा होता है तो उपचार का लंबा कोर्स या खाने के लिए एंटिफंगल दवा दी जा सकती है.
इसके अलावा बैक्टीरियल वेजिनोसिस योनि में पाए जाने वाले प्राकृतिक बैक्टीरिया में असंतुलन का परिणाम है. ऐसा तब होता है जब हानिकारक जीवाणुओं की संख्या लाभकारी जीवाणुओं से अधिक हो जाती है
बैक्टीरियल वेजिनोसिस होने की एक और मुख्य वजह एक से अधिक साथी के साथ यौन संबंध होना है. इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें मछली जैसी गंध वाला भूरा-सफ़ेद डिस्चार्ज होता है
कुछ महिलाओं को पेशाब के दौरान खुजली या जलन का भी अनुभव होता है. बैक्टीरियल वेजिनोसिस का इलाज आमतौर पर डॉक्टरों के द्वारा बताई गई दवाओं एंटीबायोटिक्स के साथ किया जाता है, इसमें खाने की दवा और लगाने की दवाएं शामिल हैं. सबसे जरूरी बात है कि , भले ही लक्षणों में सुधार हो रहे हों लेकिन उपचार के पूरे कोर्स को पूरा करना आवश्यक है.
Also Read: मोटापा है सेहत के लिए खतरे की घंटी, कम करने के लिए रोजाना इन योगासनों का करें अभ्यासDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.