Work Stress : शरीर फील कर रहा टॉचर्र, सुलझाइए उलझी जिंदगी

Work Stress : चाहे आप किसी भी प्रोफेशन में क्यों ना हो हर रोज नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऑफिस टास्क पूरा करने की समय सीमा, एक पूरा करते ही दूसरा टारगेट. अपनी तरफ से बेहतर देने के चक्कर में कई बार तनाव इतना हावी हो जाता है कि आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होने लगता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2023 7:39 PM

Work Stress : वर्क प्लेस पर प्रेशर होना सामान्य बात है. लेकिन कभी – कभी कार्यस्थल के दबाव का साइडइफेक्ट आपकी जिंदगी पर पड़ने लगता है. आपकी मेंटल, फिजिकल हेल्थ पर असर पड़ता ही है साथ ही आपकी फैमिली भी इससे प्रभावित होने लगती है. दरअसल वक्त पर सही तरीके से काम पूरा करने का दबाव क्या होता है वो ही इसे बखूबी समझ सकता है जो इसे करता है या करने का प्रयास करता है. ऊपर से हर दिन कई नए निर्देश, मीटिंग और रोजाना कई मेल और मोबाइल संदेश. इतना काफी है काम से जुड़ा दबाव बनाने के लिए लेकिन कुछ खास बातों का ख्याल कर आप इस टेंशन को दूर कर सकते हैं.

काम के तनाव के लक्षणों को पहचानें
Work stress : शरीर फील कर रहा टॉचर्र, सुलझाइए उलझी जिंदगी 2
  • शरीर में ऊर्जा की कमी और थकान का अनुभव.

  • सिर में दर्द बना रहना.

  • नींद नहीं आना और हृदय गति बढ़ना.

  • भूख में परिवर्तन और पाचन से जुड़ी समस्याएं.

  • आत्मविश्वास में कमी.

  • पति-पत्नी के बीच बढ़ती दूरियां.

  • बार – बार बीमार पड़ना .

टेंशन फ्री रहना चाहते हैं तो रखिए ख्याल
  • सबसे पहले तो आत्ममंथन करें और पहचाने कि आपके तनाव का कारण क्या है. उन लोगों, स्थान और घटनाओं के बार में भी सोचें जिससे आप शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से प्रभावित होते हैं.

  • कार्यस्थल पर संस्थान के मानकों के अनुसार हमेशा अपना बेस्ट देने का प्रयास करें.

  • नौकरी के दौरान जब काम का टेंशन आपकी लाइफ पर हावी होने लगे तो छोटा सा ब्रेक जरूर लें.

  • छुट्टी लेकर थोड़ा आराम करने से फिर से पूरी एनर्जी से काम करने में मदद मिलेगी.

  • बाहर घूमने का प्लान नहीं बना सकते तो अपने शहर में ही कुछ घंटों की यात्रा जरूर कर सकते हैं.

  • किसी दोस्त या रिश्तेदार के साथ क्वालिटी वक्त व्यतीत करें.

  • अपने बॉस से मिलकर अपनी परेशानियों को खुलकर उनके सामने रखें. उनकी बातों को भी सुने. इससे आपके अंदर नई एनर्जी का संचार होगा. शिकायतों की पोटली खोलने की बजाय समस्याओं के निदान पर बात करें.

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