World AIDS Day 2023 : विश्व एड्स दिवस, जागरूकता में है बचाव,जानें क्या है इस साल की थीम
World Aids Day 2023 : पूरी दुनिया में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है . एड्स, एचआईवी के कारण होता है. एड्स ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) के संक्रमण के कारण होने वाला रोग है. एचआईवी एड्स के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में जागरूकता होना बहुत जरूरी है .
World Aids Day 2023: एड्स से बचाव के लिए जागरूकता होना बहुत ही आवश्यक है. कुछ सरल उपाय अपनाकर इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है.
World Aids Day 2023 :हर साल दुनियाभर के लोगों को एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है. इस दिन को पहली बार 1988 में चिह्नित किया गया था.
पूरा विश्व 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाता है, उसकी पहली बार कल्पना 1987 में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा की गई थी. थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न दोनों डब्ल्यू.एच.ओ.(विश्व स्वास्थ्य संगठन) जिनेवा, स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे. उन्होंने एड्स दिवस का अपना विचार डॉ. जोनाथन मन्न (एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के निदेशक) के साथ साझा किया, जिन्होंने इस विचार को स्वीकृति दे दी और वर्ष 1988 से 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. जिसके बाद साल 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने एड्स का वैश्विक स्तर पर प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 से विश्व एड्स अभियान की शुरुआत की.
समुदायों के नेतृत्व से विश्व में एड्स को ख़त्म किया जा सकता है यही कारण है कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम समुदायों को नेतृत्व करने दें है, और समुदायों की उपलब्धियों के जश्न से कहीं अधिक, यह समुदायों को उनकी नेतृत्वकारी भूमिकाओं में सक्षम बनाने और समर्थन करने के लिए कार्रवाई का आह्वान है.
यह हर साल 1 दिसंबर को एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) के बारे में जागरूकता फैलाने और इस बीमारी से पीड़ित लोगों का समर्थन करने के लिए मनाया जाता है.
एचआईवी एक गंभीर और संभावित जीवन-घातक स्थिति है जिसके बेहतर प्रबंधन के लिए शीघ्र पता लगाने और उपचार की आवश्यकता होती है. इस सिन्ड्रोम में शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत कमजोर हो जाती है, जिससे व्यक्ति बड़ी आसानी से किसी भी संक्रमण या अन्य बीमारी की चपेट में आ जाते हैं.
एचआईवी संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति में वायरस की चपेट में आने के दो से चार हफ्ते के भीतर ही लक्षण नजर आने लगते हैं शुरू में संक्रमित को बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में खराश सहित इन्फ्लूएंजा जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है. संक्रमण बढ़ने के बाद अन्य गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं. जैसे,
लिम्फ नोड्स में सूजन
तेजी से वजन कम होते जाना.
दस्त और खांसी
बुखार आना
गंभीर जीवाणु संक्रमण
कुछ प्रकार के कैंसर का विकसित होना.
एड्स का न ही कोई इलाज है और न ही इसकी कोई वैक्सीन अभी तक बन पाई है. इसका एक ही उपाय है बचाव. इसमें सुरक्षित यौन सम्बन्ध शामिल हैं. जीवाणुरहित (स्टरलाइज्ड) सुई का उपयोग करें. बचाव के तरीके सीख कर और जागरूक होने के साथ दूसरों को जागरूक कर इससे निपट सकते हैं.
Also Read: रोज माइक्रोवेव कुकिंग करने का क्या है नुकसान, यहां पढ़िए फिर पकाइयेDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.