World Anaesthesia Day 2022: हर साल 16 अक्टूबर को विश्व एनेस्थीसिया दिवस (World Anaesthesia Day ) मनाया जाता है. कुछ देशों में इसे राष्ट्रीय संज्ञाहरण दिवस या ईथर दिवस के रूप में भी जाना जाता है, इसलिए इस दिन को विश्व संज्ञाहरण दिवस के रूप में भी जाना जाता है.
आधुनिकता के इस दौर में एनेस्थीसिया के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. जहां 10 से 15 साल पहले तक सर्जरी के बाद पूरा एक दिन लग जाता था, मरीज को होश आने में, लेकिन अब मरीज सर्जरी के बाद ऑपरेशन थियेटर से बात करते हुए बाहर निकलता है.
इतिहासकारों की मानें तो 16 अक्टूबर, सन 1846 को अमेरिका के डेंटिस्ट विलियम टीजी मोर्टन ने एनेस्थीसिया का सबसे पहले प्रयोग किया था. यह प्रयोग और प्रयास सफल रहा था. वर्ल्ड फेडरेशन सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट (डब्ल्यूएफएसए) की तरफ से हर साल दुनियाभर के देशों में विश्व एनेस्थीसिया दिवस के मौके पर लोगों को जागरुक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इन कार्यक्रमों में लोगों को एनेस्थीसिया के बारे में विस्तार से बताया जाता है. साथ ही मॉक टेस्ट के जरिए भी एनेस्थीसिया के महत्व को समझाया जाता है.
एनेस्थीसिया की दवा मस्तिष्क के साथ गुजरनेवाली नसों के संकेत को अवरोद्ध करने का काम करती है. दवा के इस्तेमाल के बाद मरीज बेहोशी की स्थिति में पहुंच जाता है. मगर उसका असर खत्म होने पर मरीज की संवेदनाएं वापस आ जाती हैं. दवाई श्वसन मास्क या ट्यूब के जरिए दी जाती है या फिर सुई के माध्यम से भी लगाया जाता है. सर्जरी के दौरान सही सांस लेने के लिए श्वसन ट्यूब को विंडपाइप में डाला जाता है.
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लोकल एनेस्थीसिया: लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल शरीर के किसी खास हिस्से में मामूली सर्जरी के लिए किया जाता है और इसकी अवधि भी अपेक्षाकृत कम होती है.
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जनरल एनेस्थीसिया: जब जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है, तो यह रोगी की मांसपेशियों को बेहोश कर देता है.
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रीजनल एनेस्थीसिया: रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल पेट जैसे शरीर के बड़े हिस्से को सुन्न करने के लिए किया जाता है.