World Anti Tobacco Day 2020, know tobacco spoiling which part of body तंबाकू यानी बीड़ी, सिगरेट, खैनी, गुटखा आदि के सेवन से होनेवाले नुकसान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World Anti Tobacco Day 2020) मनाया जाता है. एक अनुमान के अनुसार तंबाकू के सेवन से होनेवाली बीमारियों के चलते विश्वस्तर पर प्रतिवर्ष 70 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं. वहीं इसके नियमित सेवन से फेफड़े, मुंह व गले का कैंसर होने की खतरा भी 90 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इसी के चलते प्रतिवर्ष एक विशेष थीम के साथ विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन कर लोगों को तंबाकू जैसे जानलेवा पदार्थ के सेवन से बचने के लिए प्रेरित किया जाता है.
आधुनिक युग में युवाओं के बीच तंबाकू का प्रयोग एक स्टेट सिंबल के रूप में होने लगा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार तंबाकू निषेध दिवस 2020 की थीम ‘युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के इस्तेमाल से रोकना’ तय की गयी है. युवाओं में निकोटीन के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए विशेष रूप से यह थीम तैयार की गयी है, ताकी उन्हें सिगरेट, बीड़ी व गुटखा जैसे अन्य उत्पादकों का सेवन छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से की गयी. तंबाकू के सेवन से होनेवाली बीमारियों के चलते मृत्युदर में आयी वृद्धि को देखते हुए वर्ष 1987 में डब्ल्यूएचओ ने इसे एक महामारी का दर्जा दिया. विश्व तंबाकू निषेध दिवस को पहली बार 7 अप्रैल, 1988 में डब्ल्यूएचओ की स्थापना दिवस की वर्षगांठ के दिन मनाया गया. इसके बाद हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा.
– सिगरेट या तंबाकू में निकोटीन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है. जो हमें कुछ समय के लिए अच्छा महसूस कराता हैं. जब मस्तिष्क निकोटीन को प्राप्त करना बंद कर देता है, तो हम में बेचैनी, चिड़चिड़पन महसूस होना आदि लक्षण दिखने लगते हैं.
– धूम्रपान व तंबाकू के सेवन से दिल की बीमारी होने का खतरा दो से चार गुना तक बढ़ जाता है.
– तंबाकू के सेवन से फेफड़ों और मुंह का कैंसर हो जाता है.
– विशेषज्ञों की मानें, तो तंबाकू में पाया जानेवाला ग्लूकोज पाचन को बिगाड़ देता है, जिससे डायबिटीज को बढ़ावा मिलता है.
– इसके धुएं में मौजूद आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया जैसे हानिकारक रसासन सेवन करनेवाले व्यक्ति के खून में शामिल होकर आंखों के नाजुक ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे रेटीना कोशिकाओं का संरचना प्रभावित हो जाता है.
– धूम्रपान करनेवाले पुरुष एवं महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की संभावना अधिक होती है. सिगरेट में मौजूद निकोटीन मस्तिष्क के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की शुरुआत करता है.
– यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है.
– तंबाकू का सेवन शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करता है. इसमें मौजूद केमिकल दिल की धड़कन व ब्लड प्रेशर बढ़ा देते हैं.
– तंबाकू के सेवन से दिल की बिमारी, लकवा, डायबिटिज, गठिया, फेफड़ा रोग आदि का जोखिम बढ़ जाता है.
तंबाकू के सेवन से होनेवाले नुकसान व इसे छोड़ने के फायदों की जानकारी इकट्ठा कर आप इस हानिकारण पदार्थ के सेवन से छुटकारा पाने के लि खुद को प्रेरित कर सकते हैं.
– विशेषज्ञों की मानें तो तंबाकू का सेवन न करने पर कुछ ही घंटों में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट सामान्य होने लगता है. शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड की दर निष्प्रभावी होती जाती है. हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होने लगता है.
– तंबाकू के सेवन से व्यक्ति के सेंस ठीक तरह से काम करना बंद कर देते हैं. वहीं इसे छोड़ने के बाद तंत्रिका तंत्र को विकसित होने में मदद मिलती है और व्यक्ति के स्वाद व सूंघने की इन्द्रियों में सुधार होता है.
– तंबाकू छोड़ने के दो से तीन हफ्ते बाद फेफड़े सक्रिय हो जाते हैं और उनके काम करने की शक्ति में 30 फीसदी तक बढ़ जाती है. इससे शरीर में रक्त संचरण भी ठीक हो जाता है.
– तंबाकू छोड़ने के कुछ महीनों बाद व्यक्ति स्वयं को ऊर्जावान महसूस करने लगता है.
– सिगरेट व तंबाकू छोड़ने से मुंह व गले के कैंसर की संभावना काफी कम हो जाती है. लंग कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है और धीरे-धीरे व्यक्ति अपने सामान्य जीवन में वापस आने लगता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.