World Blood Donor Day 2021: कोरोना काल में भी जरूरतमंदों को पहुंचता रहा रक्त, जानें विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व, कैसे हुई इस दिन की शुरूआत, क्या है इस बार का थीम

World Blood Donor Day 2021, Theme, History, Significance: दुनियाभर में आज यानी 14 जून 2021 को हर साल की भांति विश्व रक्तदाता दिवस, विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है. पहली बार इसे साल 2005 में मनाने की शुरूआत की गयी थी. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है खून की कमी से लोगों की जान न जाए. सभी रक्त दाताओं की सराहना करना और रक्त दान के लिए प्रेरित करना. आइये जानते है वर्ल्ड ब्लड डोनर डे 2021 के थीम, इतिहास और महत्व के बारे में...

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2021 6:14 AM
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World Blood Donor Day 2021, Theme, History, Significance: दुनियाभर में आज यानी 14 जून 2021 को हर साल की भांति विश्व रक्तदाता दिवस, विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है. पहली बार इसे साल 2005 में मनाने की शुरूआत की गयी थी. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है खून की कमी से लोगों की जान न जाए. सभी रक्त दाताओं की सराहना करना और रक्त दान के लिए प्रेरित करना. आइये जानते है वर्ल्ड ब्लड डोनर डे 2021 के थीम, इतिहास और महत्व के बारे में…

विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास

सबसे पहले विश्व रक्त दाता दिवस 14 जून, 2005 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से मनाया गया था. जिसके बाद सभी देश ने इस अभियान को अपनाया.

विश्व रक्तदाता दिवस 2021 थीम

वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के लिए एक खास थीम तय की गयी थी जिसका टैग था सुरक्षित रक्तदान बचाए लोगों की जान (Safe Blood Saves Lives). इस बार यानी 2021 में ‘रक्त दान करके दुनिया को हराते रहो’ (Give Blood And Keep The World Beating) थीम के साथ मनाया जा रहा है. जिसका अर्थ है कोरोना जैसी महामारी, जिसने दुनियाभर में तबाही मचायी है उसे हराया तब ही जा सकता है जब लोग बढ़ चढ़कर रक्तदान करें, इस अभियान का हिस्सा बनें.

विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व

  • विश्व रक्तदाता दिवस का उद्देश्य है रक्तदाताओं की सराहना करना

  • सभी लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करना

  • सुरक्षित रक्त के महत्व के बारे में सभी लोगों को जानकारी देना.

  • आपने देखा ही होगा कि कोविड के दौरान भी कई ब्लड बैंक जरूरतमंदों को रक्त दान करके उनकी लाइफ बचाए हैं.

  • द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो भारत में सालाना 41 मिलियन यूनिट रक्त की कमी होती है. ऐसे में सभी को निरंतर रक्त दान महादान करके लोगों की जान बचानी चाहिए.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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