World Diabetes Day 2022: डायबिटीज के मरीजों डायबिटिक होने का पता मेडिकल टेस्ट के जरिए लगने से पहले ही के लक्षण दिखने लगते हैं. बावजूद इसके कोई भी अलर्ट नहीं होते और न ही परहेज करते हैं. इन लक्षणों को प्रीडायबिटीज भी कहा जाता है, जिसमें बार-बार पेशाब आना, बिना कारण वजन कम होना, भूख में वृद्धि, और पैरों या हाथों में अचानक सुन्नता या झुनझुनी शामिल हैं। आयुर्वेद दवा की सबसे पुरानी पद्धतियों में से एक है और ये प्रीडायबिटीज को रोकने में अद्भुत रूप से कारगर भी है. एक्सपर्ट से जानें उन आदतों के बारे में जिन्हें अपने डेली रूटीन में शामिल कर डाबिटीज को अलविदा कह सकते हैं. आगे पढ़ें…
सफेद चीनी जिसका उपयोग अधिकांश आबादी रोजाना करती है, लेकिन क्या अप जानते हैं कि शायद ही इसमें कोई पोषक तत्व होता है. सफेद चीनी में एक चील जो सबसे अधिक है वह है कैलोरी. साफ है कि इसे अपने आहार का हिस्सा बनाने से कोई लाभ नहीं होता है. ऐसे में सफेद चीनी को छोड़ कर विभिन्न प्रकार के फलों, गुड़ या शहद का सेवन यानी नैचुरल शुगर की ओर स्विच करना ही बुद्धिमानी है.
कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हैं जो डायबिटीज को रोकने या कंट्रोल करने में आश्चर्यजनक रूप से काम करती हैं. हल्दी, आंवला और मेथी के दानों को दैनिक आहार में शामिल करना सबसे अच्छा है. निशा अमलकी को हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक औषधी कहा जाता है. यह औषधि आंवला पाउडर और हल्दी पाउडर के बराबर भागों के साथ बनाई जाती है जिसे अगर रोजाना सेवन किया जाए तो यह बेहद फायदेमंद हो सकता है. बाजार में उपलब्ध आंवला, जामुन और करेला के मिश्रण से बनी कई रस भी हैं जो विशेष रूप से मधुमेह रोगियों और उनके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के रिस्क वाले लोगों के लिए बनाए जाते हैं.
रोजाना एक्सरसाइजिंग हर किसी के लिए जरूरी है. और ऐसा डाबिटीज के मरीजों के साथ भी है. यह ओवर ऑल हेल्थ और ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है. व्यायाम का कोई भी रूप- चाहे वह जिम हो, योग या प्राणायाम हो, आपके मेटाबेलिज्म में सुधार करने में आपकी मदद कर सकता है.
रात का खाना जल्दी खाना और नींद अच्छी तरह से लेना सबसे महत्वपूर्ण है. प्रत्येक भोजन के बीच निश्चित गैप भी बहुत जरूरी है. रोजाना के अपने सभी भोजन के बीच तीन घंटे का अंतर रखने की सलाह दी जाती है. नींद भी आपको हेल्दी बनाए रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. हर दिन कम से कम 7 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए. यह पुरानी सूजन को कम करने, शारीरिक और मानसिक तनाव को मैनेज करने, इम्यूनिटी में सुधार और हार्मोनल प्रॉब्लम्स को ठीक करने के लिए अहम होता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.